अभी भी वक्त है, नफरत/अफवाह की खेती बंद करिये, नहीं तो पुलिस-कोर्ट के चक्कर में पड़ने को तैयार रहिये
भाई, अभी भी वक्त है, समझदारी दिखाइये, इन चार महीनों में काफी बदलाव हो चुका है, जहां पुराने अधिकारियों का बोलबाला था, वहां नये अधिकारियों ने डेरा डाल दिया है, राज्य सरकार ने साफ कर दिया है कि राज्य में नफरत व अफवाह की खेती नहीं चलेगी, जो भी धर्म या संप्रदाय के नाम पर नफरत व अफवाह की खेती करेगा, वो जेल जायेगा।
कोरोना के बाद से झारखण्ड में बहुत सारे ऐसे लोग थे, जिन्होंने नफरत की खेती शुरु की थी, जिनमें कई लोग जेल की शोभा बढ़ा रहे हैं, तो कई ऐसे भी जिनकी पुलिस खोज कर रही है, कई पर प्राथमिकियां भी दर्ज हो चुकी है, तो कई अभी से थाने और कोर्ट के चक्कर लगाने शुरु कर दिये हैं।
दरअसल, ये वो लोग थे, जो पहले से ही धर्म/संप्रदाय के नाम पर नफरत की खेती करते थे, पर किसी ने इन पर अंकुश लगाने की कोशिश नहीं की, पर जब नई सरकार आई, नये अधिकारियों ने अपना कार्यभार संभाला तो वो हर बात देखने में आई, जिसको एक संभ्रांत परिवार देखना पसन्द करता था।
राज्य के पुलिस महानिदेशक एम वी राव ने आज विद्रोही24.कॉम से बातचीत में कहा कि उन्होंने राज्य के सभी पुलिस अधिकारियों को सूचनाएं संप्रेषित कर दी हैं कि जहां भी कही, कोई व्यक्ति धर्म/संप्रदाय के नाम पर नफरत या अफवाह फैलाने की कोशिश करता हैं, चाहे वह किसी भी धर्म का क्यों न हो, उस पर प्राथमिकी दर्ज की जाये, उसे गिरफ्तार किया जाये और इस सिलसिले में अब तक पूरे राज्य में 103 कांड प्रतिवेदित किये गये हैं, जिनमें 157 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई, तथा अब तक 89 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
सूत्र बता रहे हैं कि जब से झारखण्ड पुलिस ने नफरत व अफवाह फैलानेवालों पर कार्रवाई तेज की है, तब से सोशल साइटों पर नफरत व अफवाहों की खेती में भारी कमी आई हैं, फिर भी राज्य पुलिस उनलोगों पर कड़ी नजर रख रही हैं, जो अभी भी अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं, नफरत व अफवाह की खेती बंद होने से कोरोना से प्रभावित लोगों को स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने तथा कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन से प्रभावित लोगों को मदद पहुंचाने में भी स्थानीय पुलिस सफल रही है।