गीता कोड़ा को पाकर भाजपा में शामिल दलबदलू नेताओं में छाया उमंग, मंच पर एक भी खांटी भाजपाई नहीं दिखा, जनता ने ली चुस्की – जो भ्रष्टाचार से करें प्यार, वो भाजपा से कैसे करे इनकार
पूरे भाजपा प्रदेश कार्यालय में आज खुशियां छाई हुई है। दलबदलू नेताओं में हर्ष हैं। खुश हो क्यों नहीं। एक और दलबदलू नेता उनके कार्यालय में उनके समूह में शामिल हुआ है। मंच पर फिलहाल दलबदलूओं का ही कब्जा है। मंच पर एक भी विशुद्ध खांटी भाजपाई दिखाई नहीं दे रहा है। शायद इन दलबदलूओं ने संकल्प कर लिया है कि भाजपा को अपनी मुट्ठी में लेकर अपनी राजनीति चमकानी है।
इधर समर्पित कार्यकर्ताओं को एक और मानसिक आघात लगा है। लेकिन वे कर ही क्या सकते हैं। जहां भाजपा के कर्म को नाश करने के लिए कर्मवीर मौजूद हो, जहां झाविमो से आये नेताओं ने पूरे पार्टी को ही हाईजैक कर लिया हो, भला उसमें एक समर्पित भाजपा कार्यकर्ता की क्या औकात, कि वो वहां भारत माता की जय का नारा या दीनदयाल उपाध्याय के एकात्ममानववाद की आवाज बुलंद कर दें।
समर्पित कार्यकर्ताओं ने भाजपा से अब दूरियां बना ली है। धीरे-धीरे उनकी जगह झाविमो कार्यकर्ता और उनके नेताओं ने हर जगह अपनी पकड़ बना ली है, जिससे भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता स्वयं को ठगे महसूस कर रहे हैं। जो भाजपा को जानते हैं। वे मान चुके हैं कि अब भाजपा पहलेवाली नहीं रही। यह विशुद्ध दलबदलूओं की पार्टी है। आज ही विधानसभा में था।
एक भाजपा के कट्टर विधायक ने विद्रोही24 से कहा कि आप जो अपने यहां लिखते हैं और शुद्ध राजनीति की बात करते हैं। तो आप मान लीजिये कि भाजपा वो नहीं रही, जिसकी आप कामना कर रहे हैं। गिरावट बड़े पैमाने पर हैं और ये और दिखेगा। इसमें कोई किन्तु-परन्तु नहीं हैं। हमलोग भी सिर्फ देखते हैं। लेकिन कुछ बोलते नहीं हैं।
सच्चाई हम भी स्वीकार करते हैं। लेकिन हमसे कोई बोलेगा कि भाजपा कितनी सीट लोकसभा की जीत रही हैं। तो अपने आज के दलबदलू नेताओं के सामने अतिउत्साह में यह भी कह देंगे कि भाजपा यहां लोकसभा की 18 सीट जीत रही हैं, वो भी यह जानते हुए कि झारखण्ड में लोकसभा की मात्र 14 सीट हैं। अब चूंकि लोग यही सुनना चाहते हैं तो हम क्या करेंगे।
राजनीतिक पंडितों का दावा – झारखण्ड में सिर्फ हेमन्त लहर
राजनीतिक पंडितों की मानें तो भले ही भाजपावाले पूरे देश में मोदी की लहर की बात करें। लेकिन झारखण्ड में मोदी लहर नहीं, हेमन्त लहर है और इस लहर में भाजपाई कहां फेकायेंगे, उनको इसका अंदाजा ही नहीं हैं। शायद यही कारण है कि इन्हें जहां से भी कुछ दिख रहा हैं, उसे लपकने में लगे हैं। उसका सुंदर उदाहरण गीता कोड़ा है।
भाजपा में शामिल दलबदलू नेताओं, जिन पर भाजपा के केन्द्रीय नेताओं ने ज्यादा विश्वास व्यक्त किया है। उन्हें लगता है कि गीता कोड़ा के आने से चाईबासा की सीट अब भाजपा की पक्की हो गई। लेकिन सच्चाई यह है कि चाईबासा की सीट अब इंडिया गठबंधन के लिए और पक्की हो गई। वहां से इंडिया गठबंधन किसी को भी खड़ा करेगा, जीतेगा। वहां से कांग्रेस को अपना कैंडिडेट ऐसे भी बदलना ही था।
राजनीतिक पंडितों की मानें भाजपा पूर्व में मधु कोड़ा को लेकर बार-बार गीता कोड़ा पर भ्रष्टाचार के मुद्दे पर प्रहार करती थी। अब वो जबकि गीता कोड़ा को अपने में मिला चुकी है तो वो किस मुंह से चाईबासा या झारखण्ड की जनता के पास जायेगी कि वो भ्रष्टाचार मुक्त देश या झारखण्ड बनाना चाहती है। इसका मतलब है कि भाजपा डबल स्टैंडर्ड अपना रही है। अगर कोई भ्रष्टाचारी है और भाजपा के साथ हैं तो वो सदाचारी और जो दूसरे दल में हैं तो वो भ्रष्टाचारी।
दलबदलूओं का एक ही नारा – झारखण्ड में मजबूत हो खंभा हमारा
राजनीतिक पंडित तो अब साफ कहते है कि अब भाजपा क्या नारा देगी, अब तो नारा जनता देगी। आज गीता कोड़ा के भाजपा में शामिल होने के समाचार जैसे ही फ्लैश हुए, जनता ने कह दिया ‘जो भ्रष्टाचार से करें प्यार, वो भाजपा से कैसे करे इनकार’ ‘मोदी की लहर बेमानी है, मधु कोड़ा पर भाग्य आजमानी है’, भ्रष्टाचार बढ़ाने के लिए, मधु कोड़ा को मजबूत बनाने के लिए, भाजपा का साथ दें, मोदी का साथ दें, दलबदलूओं का एक ही नारा, झारखण्ड में मजबूत हो खंभा हमारा।’
कांग्रेस को झटका नहीं, झटका तो भाजपा को लगा, अब वो अपना कार्यकर्ता संभालें
एक भाजपाई ने तो विद्रोही24 को बताया कि गीता कोड़ा को भाजपा में लाने के लिए एक लॉबी बहुत दिनों से सक्रिय था। उस भाजपाई का कहना था कि जब मोदी लहर है और मोदी के नाम पर किसी को भी लोकसभा सीट पर खड़ा करवाकर जीताया जा सकता है तो गीता कोड़ा के लिए भाजपा के शीर्षस्थ नेताओं ने इतनी दिलचस्पी क्यों दिखाई।
इसका मतलब है कि दिल्ली में बैठे नेताओं को भी पता चल गया है कि झारखण्ड में भाजपा कितना मजबूत है। इसलिए डूबते को तिनके का सहारा वाली लोकोक्ति यहां चरितार्थ हो रही है। भाजपा को जहां से भी लग रहा है कि उसके शामिल होने से हमें मजबूती मिल जायेगी। वे उसे अपने में मिला ले रहे हैं और इसी चक्कर में अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं।
अपने ही कार्यकर्ताओं को अपने से दूर कर ले रहे हैं। उक्त भाजपाई का यह भी कहना था कि जो मीडिया यह कह रही हैं कि इससे कांग्रेस को झटका लगा हैं, वो दरअसल मूर्ख है। उन्हें पता ही नहीं कि कांग्रेस को कोई झटका नहीं, बल्कि कांग्रेस अब झटकामुक्त हो गई। झटका तो अब भाजपा को लगना है। वो अब अपने कार्यकर्ता को संभालें, पीएम मोदी की सभा के लिए जनता कैसे उनके सभास्थल पर पहुंचेगी, इस पर ज्यादा विचारमंथन करें।