बस एक यही काम रह गया था रघुवर जी, आपने वो भी कर दिया, पार्टी कार्यालय निर्माण में भी धोखाधड़ी करने से आप बाज नहीं आये
जमशेदपुर पूर्व में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को विधानसभा चुनाव में धूल चटानेवाले निर्दलीय प्रत्याशी सरयू राय के एक टिव्ट ने भाजपा की चूलें हिला दी हैं। उस भाजपा की, यहां तक की, उस रघुवर दास की, जिनका तकिया कलाम था, भ्रष्टाचार मुक्त शासन वे दे रहे हैं, पर इसी भ्रष्टाचार मुक्त शासन की बात करनेवाले रघुवर दास ने अपने ही पार्टी के साथ कैसे दगा की है, उसका प्रमाण है सरयू राय की यह टिव्ट –
“डायन भी एक घर छोड़ देती है, पर इन्होंने तो अपना घर भी नहीं छोड़ा। केन्द्र की मदद से आठ जिलों में कार्यालय बने। भारी भरकम बिल दिल्ली गया, सरकार बदली, केन्द्र ने मापी करवाया, सभी कार्यालय भवनों में 700-800 वर्ग फीट क्षेत्रफल कम निकला। पोल खुल गई। बिल में कटौती हो गई। फिर भी इनका बचाव?”
अब आप पूछेंगे कि इसमें डायन कौन हैं? कितने डायन हैं? इन सवालों को लेकर जब हमने सरयू राय से बातचीत की। उन्होंने स्पष्ट रुप से कहा कि ये तो भाजपा का बच्चा-बच्चा जानता है कि कौन इन कार्यालयों को बनवा रहा था, और इसमें किसका हस्तक्षेप था। विद्रोही24 ने जब इसकी बारीकी से छानबीन की, तो इसमें पहला नाम – रघुवर दास, दूसरा नाम महेश पोद्दार और तीसरा नाम चंद्रशेखर अग्रवाल का आ गया।
सूत्र बताते है कि इन्हीं तीनों मठाधीशों ने प्रदेश में कार्यालय बनाने की जिम्मेदारी संभाल ली थी और केन्द्र को फिलहाल इनके द्वारा की गई सारी गड़बड़ियों की जानकारी हो गई, हो सकता है कि इन तीनों पर कार्रवाई हो जाये, एक भाजपा के वरिष्ठ नेता ने तो साफ कहा कि भाई, इन तीनों को मालूम होना चाहिए, कि केन्द्र में नरेन्द्र मोदी हैं, वो जब अपनों को नहीं छोड़ते, तो इन महाशयों को कहां से छोड़ेंगे? रघुवर दास का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद जाना, एकदम तय है, साथ ही महेश पोद्दार और चंद्रशेखर अग्रवाल के उपर भी तलवार लटकनी तय है।
राजनीतिक पंडित तो साफ कहते हैं कि पूर्व में नेता सरकारी खजानों को लूटने के लिए सरकारी कार्यों में चूना लगाते थे, अब भ्रष्टाचार का नया रुप देखिये, नेता अपनी ही पार्टी के साथ लूट मचाये हुए हैं, सरयू राय का ट्विट इस बात का उदाहरण है। लेकिन उससे भी बड़ा आश्चर्य यह है कि भाजपा का प्रदेश स्तर का नेता इन तीनों के खिलाफ एक शब्द नहीं बोल रहा, आखिर क्यों भाई?
भ्रष्टाचार पर बोलने की जिम्मेवारी सिर्फ सरयू राय की है। सरयू राय ने तो धमाका कर दिया, अब थोड़ा ऐसे लोगों पर आप लोग भी चाबुक चलाइये, ताकि आपके पार्टी के अंदर आ रहे नये लोग, नये कार्यकर्ता समझ सके कि ये पार्टी अन्य दलों जैसी नहीं, पर जिस प्रकार से ये काम हुआ है, वो बता रहा है कि पार्टी को अब झारखण्ड से जाने का समय आ गया है, राम-राम अपनी ही पार्टी का कार्यालय निर्माण और उसके साथ भी धोखा और कमीशन, कहां से ऐसी बुद्धि लाते हैं ये लोग, जो लोग अपनी पार्टी से दगाबाजी कर रहे हैं, वे देश व राज्य का क्या भला करेंगे, खाक।