ये तो एक ट्विट का कमाल है, नहीं तो जमशेदपुर का ग्रीन इण्डेन सर्विस वाला प्रेम को 1965 रुपये थोड़े ही लौटाता
प्रेम दीक्षित एक जागो संस्था नामक एनजीओ से जुड़े हैं। उन्होंने अपनी पत्नी गीता देवी के नाम से एक गैस कनेक्शन लेना चाहा और इसके लिए वे जमशेदपुर के डिमना सुमन होटल के नजदीक इण्डेन गैस एजेंसी चला रहे ग्रीन इण्डेन सर्विस के कार्यालय पहुंच गये। उन्होंने इस संदर्भ में ग्रीन इण्डेन सर्विस के कार्यालय में कार्यरत प्रतिनिधियों से बातचीत की।
प्रतिनिधियों से बातचीत के क्रम में प्रेम दीक्षित ने कहा कि उनके पास चुल्हा मौजूद है, इसलिए उन्हें चुल्हा नहीं चाहिए, केवल गैस कनेक्शन चाहिए, उसके बावजूद ग्रीन इण्डेन सर्विस के लोगों ने उन्हें मना करने के बावजूद प्रोटोकॉल के नाम पर चुल्हा का 1900 रुपये और पेपर वर्क के नाम पर 65 रुपये काट लिया, तथा चुल्हा जबर्दस्ती थमा दिया।
बेचारा प्रेम क्या करें? उसने अपने मित्र संजय विश्वकर्मा को ये सारी बातें बता दी, संजय विश्वकर्मा ने प्रेम दीक्षित को इसकी शिकायत ट्विट के माध्यम से गैस एजेंसी को करने की सलाह दी, फिर क्या था, गैस एजेंसीवालों ने प्रेम से संपर्क किया। जो जानकारी उन्हें चाहिए थी, वो जानकारी ली और फिर देखते ही देखते ग्रीन इण्डेन सर्विस के मालिक का फोन उसके पास आ गया। मालिक ने 15 मई को अपने दुकान पर बुलाया और चुल्हे वापस लेकर उसे 1965 रुपये लौटा दिये।
अब सवाल उठता है कि इस प्रकार के धंधे तो सारे वितरक किया करते हैं, तभी तो उनके प्रतिनिधि ताल ठोककर बड़ी शान से ग्राहकों के पॉकेट से मनचाही रकम निकाल लेते हैं, ये तो प्रेम ने चालाकी की और बात को ट्विट के माध्यम से मुख्यालय तक पहुंचा दिया, अगर प्रेम ने ऐसा नहीं किया होता तो फिर क्या होता, जाहिर है, उसके 1965 रुपये ग्रीन इण्डेन सर्विस के एकाउंट में चले गये थे।
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