ये झारखण्ड पुलिस नहीं, और नहीं धनबाद पुलिस है, अरे जनाब ये तो ढुलू पुलिस है, क्या समझे?
कमाल है, जनता को पता है, जिसने आरोप लगाई है उसे भी पता है, और पुलिस तो पूरा घटना की जांच भी कर आई, उसके पास प्राथमिकी में घटना की दर्ज कराई गई समय और सुप्रसिद्ध समाजसेवी विजय झा द्वारा उपलब्ध कराई गई तीन घंटे की सीसीटीवी भी मौजूद हैं। हम आपको यह भी बता दें कि जब विजय झा को पता चला कि उनके बेटे के खिलाफ एक महिला द्वारा छेड़छाड़ किये जाने की प्राथमिकी दर्ज कराई गई हैं तो उन्होंने खुद पुलिस को अपने घर बुलाकर, इस मामले की संपूर्ण जांच करने का निमंत्रण दे डाला था, जिस निमंत्रण पर पुलिस उनके घर पहुंच गई थी।
आश्चर्य है कि इसके बाद भी, वहां की भी सीसीटीवी जिस पर आरोप हैं, और उस जगह की भी सीसीटीवी जहां प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, उसके बाद भी झूठी शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज कर ली जाती है, निर्दोष युवक पर भादवि की धारा 354, 376 और 511 लगा दी जाती है, तथा कांड संख्या 161/19 दर्ज कर ली जाती है।
यानी सीएम रघुवर के अति चहेते विधायक के इशारे पर वह सारे काम पुलिस करती है, जिसकी इजाजत उसकी वर्दी भी नहीं देती, जिसकी वह कसमें खाकर लोगों को न्याय दिलाने की बात करता है, पर किया क्या जाये, ये झारखण्ड पुलिस अथवा धनबाद पुलिस थोड़े ही हैं, ये तो ढुलू पुलिस हैं, जो उधर से इशारा आयेगा, वो काम कर देगी।
जबकि भाजपा की जिला मंत्री कमला कुमारी, सीएम रघुवर दास के अति चहेते बाघमारा विधायक ढुलू के खिलाफ ऑनलाइन शिकायत करती है, दसवां महीना बीतने जा रहा है, वह प्राथमिकी दर्ज करवाने के लिए कतरास थाने पर आत्मदाह का प्रयास करती है, वह विधानसभा का रुख करती है, वह रांची के प्रेस क्लब में प्रेस कांफ्रेस करती हैं, वह हाई कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाती है, पर उसकी एक नहीं सुनी जाती है, उसकी आज तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई।
लेकिन जरा देखिये इस मामले में धनबाद के वरीय पुलिस अधिकारियों ने कितनी तेजी दिखाई है, क्योंकि बात एक सुप्रसिद्ध समाजसेवी के बेटे के भविष्य से खेलने की है, जिसने अपराध की भाषा तक नहीं जानी, वाह रे पुलिस, ऐसे तो आपका चरित्र पुरा भारत क्या, पूरा विश्व जानता है, तभी तो लोग आपको सम्मान की नजरों से नहीं, कुछ और नजरों से ही देखते हैं।
जरा देखिये, परसो शिकायत हुई, पुलिस उस शिकायत के आधार पर समाजसेवी विजय झा के घर गई, विजय झा ने प्राथमिकी के आधार पर सायं 7 बजे से लेकर 9 बजे रात्रि तक की सीसीटीवी फूटेज दिखा दी, जिस पर आरोप है, वह घर में बैठा हैं। कमाल है, जो महिला जिस अस्पताल की जिक्र कर रही हैं, वहां से रात्रि के 8.18 बजे निकली है और कतरास थाने में प्राथमिकी भी दर्ज करा देती है, अब सवाल उठता है कि जब प्राथमिकी ही दर्ज कर लेनी थी, अपने मन से धारा भी लगा देना था, और किसी के आरोप मात्र से किसी को जेल में ही डालने का आप मन बना चुके हैं, तो फिर आप किस बात की न्याय की बात कह रहे हैं?
सूत्र बताते है कि चूंकि ढुलू महतो की हालत पस्त है, भाजपा में जो लोग ईमानदारी व सत्य की राजनीति करते हैं, वे उसे पसन्द नहीं करते और जिनका चरित्र ही विवादास्पद रहता है, वे इन्हें बहुत लायक करते हैं, ढुलू को लगता है कि कमला प्रकरण से उसकी छवि धूमिल हुई है, उसे लगता है कि उसकी टिकट कट जायेगी, उसे यह भी लगता है कि सुप्रसिद्ध समाजसेवी विजय झा को किसी मामले में फंसा दें तो उसे राजनीतिक फायदा मिल सकता है, इसलिए उसने विजय झा को न फंसा, उनके बेटे पर वार करवा दिया।
इस घटना के बाद से पूरे कतरास के लोग हैरान है, एक बंदा नाम न छापने की शर्त पर कहता है कि क्या युग आ गया, जिसके अस्पताल में वो इलाज कराने की बात कर रही हैं, उन्हीं के बेटे को झूठी छेड़छाड़ के आरोप में फंसा देती है, ऐसे में आनेवाले समय में कोई शरीफ आदमी, किसी की मदद नहीं करेगा, रही बात पुलिस को तो उस पर न तो हम कल विश्वास करते थे, और न आज ही।
क्योकि वो तो वही करेगी, जो ढुलू महतो कहेगा या करायेगा, क्योंकि यहां देख नहीं रहे, पिछले कई वर्षों से यहां के व्यापारियों को वो शख्स नाक में दम कर रखा है, पर कोई चूं तक नहीं बोलता, बीसीसीएल के अधिकारी पनाह मांगते हैं, कोई चूं तक नहीं बोलता, यहां के उपायुक्त तो कभी सीएम रघुवर के इशारे पर उसका पूरा केस ही समाप्त करने की ठान लेते हैं, तो समझ लीजिये, यहां किसकी पुलिस है और कैसी पुलिस है?
वह शख्स साफ कहता है कि एक दिन आयेगा, जब विजय झा का बेटा, इस बेबुनियाद आरोप से मुक्त होगा, क्योंकि मुझे पुलिस पर नहीं, बल्कि ईश्वर पर भरोसा है, क्योंकि उसके घर देर हैं, अंधेर नहीं, और रही बात पुलिस की, तो जो लोग इसमें गलत करेंगे, वे भी भुगतेंगे क्योंकि ईश्वर की सजा सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।
इधर विजय झा ने कल प्रेस कांफ्रेस कर सारी बातों को संवाददाताओं के बीच रखा। धनबाद से प्रकाशित एक अखबार प्रभात खबर ने भी इस बात को जनता के समक्ष रखने का काम किया है कि जिस समय की घटना महिला बता रही हैं, उस वक्त तो विजय झा का बेटा अपने घर पर मौजूद था।
लोग कहते है कि भाई कतरास थाने की दूरी कृष्णा मातृ सदन से दूर नहीं हैं, और ऐसा भी नहीं कि पुलिस विजय झा और उनके पूरे परिवार को नहीं जानती, ऐसा भी नहीं कि लोग ढुलू के लोगों को नहीं जानते और ऐसा भी नहीं कि इस आरोप के पीछे किसका दिमाग चल रहा हैं और इसके पीछे राज क्या है? नहीं जानते। पर राजनीति इतनी गिरेगी, किसी के बेटे–बेटियों के भविष्य से खेलेगी तो कोई यह न भूले कि कल ईश्वर ने उसके लिए भी कुछ विशेष प्रबंध जरुर किये होंगे, क्योंकि कर्म करोगे बुरा तो उसका फल भी मिलेगा बुरा ही।