ये दृश्य आंखों को सुकून देनेवाला/विश्वास दिलानेवाला है कि भारत में किसी भी दल का शासन क्यों न हो, भारत की आत्मा कभी मर नहीं सकती
ये दृश्य आंखों को सुकून देनेवाला, साथ ही विश्वास दिलानेवाला है कि भारत में या भारत के किसी भी राज्य में किसी भी दल का शासन क्यों न हो, भारत की आत्मा कभी मर नहीं सकती, भारत कभी मर नहीं सकता, भारत की मिट्टी से जुड़ा धर्म कभी विलोपित नहीं हो सकता। उसके लिए कोई आसुरी शक्तियां कितनी भी जोड़ क्यों न लगा लें।
वर्तमान समय में जब पूरा जनमानस कोरोना वायरस से भयभीत है, बाहर निकल भी रहा है तो एक अनजाने भय से ग्रसित है, उस काल में भी अपने आवास में राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने महाशक्ति का पूजन किया, हवन किया तथा अपने घर छोटी-छोटी बालिकाओं के चरण पखारें, उन्हें चूनरी ओढ़ाई, उन्हें अपने हाथों से भोजन कराया, ये दृश्य बताता है कि हमारी जड़े कितनी गहरी है।
इस कार्य में उनके साथ उनकी अर्द्धांगिनी कल्पना सोरेन ने भी साथ दिया। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का पूरा परिवार महानवमी के दिन महाशक्ति की आराधना व पूजन में आज का पूरा दिन समर्पित कर दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने राज्य की सुख-समृद्धि, शांति और समग्र विकास की कामना भी की तथा लोगों से समाज में फैली बुराइयों और कुरीतियों को समाप्त करने का संकल्प लेने का भी अनुरोध किया।
झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को जमशेदपुर पूर्व विधानसभा सीट पर हार का स्वाद चखानेवाले निर्दलीय विधायक सरयू राय ने भी अपने घर पर अपने पूरे परिवार के साथ महाशक्ति की आराधना की, हवन आदि में भाग लिया। नन्ही बालिकाओं को दुर्गास्वरुप मानकर उन्हें अपने हाथों से भोजन कराया, तथा महाशक्ति से पूरे विश्व में शांति हो, इसके लिए प्रार्थना भी की। कई भाजपा विधायकों के घर भी यही दृश्य नजर आया।
आज चूंकि महानवमी थी, इसलिए हर घर में ये दृश्य आम था। जिन-जिन घरों में नवरात्र के अवसर पर कलशस्थापनादि हुए थे, उनके यहां आज हवन धूम-धाम से संपन्न हुआ तथा छोटी-छोटी बालिकाओं को नाना प्रकार के पकवानों से भोग लगाया गया। कई जगहों पर तो ये दृश्य भावुक करनेवाले थे।
विद्वानों का कहना है कि शारदीय नवरात्र ऐसा नवरात्र है कि इस समय महाशक्ति की आराधना करने से हर प्रकार की बाधाओं से लोगों को मुक्ति मिल जाती है, यही कारण है कि लोग वर्ष में एक बार शारदीय नवरात्र के समय महाशक्ति का ध्यान करना, उनकी पूजा अर्चना करना नहीं भूलते। ऐसे में हम भी क्यों न, उस महाशक्ति की आराधना में लग कर ये कहे…
या देवी सर्वभुतेषू शक्तिरुपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नमः।।