इस बार का लोकसभा चुनाव दो परिवारों यानी लड़नेवाले सोरेन परिवार और डरनेवाले मोदी परिवार के बीच, यकीनन जो जनता का परिवार होगा, वो विजयी होगाः सुप्रियो
इस बार का लोकसभा चुनाव दो परिवारों के बीच है। एक लड़नेवाला परिवार और एक डरनेवाला परिवार के बीच। सोरेन परिवार लड़नेवाला परिवार है, जबकि मोदी परिवार डरनेवाला परिवार है और यकीनन जो जनता का परिवार होगा, वो विजयी होगा। उक्त बातें आज झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने पत्रकारों के बीच कही।
उन्होंने कहा कि अब भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को परिवारवाद समझ में आने लगा है। जैसे उपेन्द्र सिंह रावत, पवन सिंह, मेहुल चौकसी, कुलदीप सेंगर, चिन्मयानन्द, नीरव मोदी, ललित मोदी, विजय माल्या, वृज भूषण सिंह, बिलकिस बानों के दोषी, कठुआ के लोग ये सारे मोदी परिवार के लोग है। अब मोदी परिवार इतना बड़ा हो गया है कि उनके साथ अजीत पवार, शिंदे, हेमंता विश्वशर्मा, नारायण राणे, छगन भुजबल और प्रफुल्ल पटेल जैसे लोग भी शामिल हो गये हैं।
सुप्रियो ने कहा कि अब कोई मुद्दा नहीं रह गया है। अब डर समा गया है। मोदी ने भारतीय स्टेट बैंक को भी अपने कब्जे में कर लिया है। उन्होंने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आपको याद होगा, जब हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने एक ऐतिहासिक फैसला देते हुए इलेक्टरोल बॉण्ड को असंवैधानिक करार दिया था।
साथ ही भारतीय स्टेट बैंक को निर्देश दिया था कि वो 6-8 मार्च तक पॉलिटिकल बॉण्ड खरीदनेवाले और पानेवाले का नाम चुनाव आयोग को सौंप दें तथा चुनाव आयोग को कहा था कि वो 13 मार्च तक अपने वेबसाइट पर इसे लोड कर दें। लेकिन मोदी सरकार के चोर दरवाजे बंद नहीं हुए। सीबीआई ने अर्जी डाली कि हमें 30 जून तक का समय दिया जाये। हालांकि बातें तो पब्लिक डोमेन में थी। छह हजार करोड़ रुपये भाजपा, ग्यारह सौ करोड़ कांग्रेस, कुछ हजार करोड़ टीएमसी को मिले, कुछ सौ करोड़ अन्य दलों को भी मिले, हमलोग तो दहाई तक नहीं पहुंच पाये।
सुप्रियो ने कहा कि ये 30 जून क्या होता है। मतलब साफ है कि लोकसभा चुनाव उस वक्त तक समाप्त हो जायेगा और नई सरकार आ जायेगी। मतलब अंततः चोर का धन किसके झोली में गया, पता ही नहीं चले। सुप्रियो ने कहा कि ये अडानी-अंबानी भी तो मोदी परिवार के लोग है। तो फिर गर्व से इसे स्वीकारने में क्या जाता है। आखिर इसे छुपा क्यों रहे हैं?
सुप्रियो ने कहा कि जो कभी गिल्ली-डंडा नहीं खेला, वो स्पोर्टर्स का सर्वेसर्वा बनकर बैठा है। उस क्रिकेट बोर्ड में प्रेम सिंह धूमल जो सीएम हुआ करते थे, जिनके बेटे केन्द्र में मंत्री भी है। एक बेटा बीसीसीआई का अध्यक्ष भी बन गये। ऐसे में परिवार तो मोदी ही चलाते हैं। सुप्रियो ने कहा कि सोरेन परिवार का सोरेन समझौता करनेवाला नहीं हैं और न ही लालू परिवार का तेजस्वी समझौता करनेवाला है। समझौता तो मोदी परिवार करता है।
सुप्रियो ने कहा मोदी परिवार अडानी, चुनाव बॉण्ड, पूंजीपतियों, विदेशी ताकतों के साथ तो समझौता करता ही है। उन्होंने कहा कि क्या मणिपुर के लोग आपके परिवार नहीं है। दरअसल बीजेपी अब डर से चुनाव लड़ रही है। हार का डर सामने दीख रहा है। यहां पर भी 14 में से 11 लोग है। आखिर भाजपा को मधु कोड़ा क्यों अच्छे लगने लगे।
ये वही लोग हैं, जो कभी मधु कोड़ा को पानी पी-पीकर गरियाते थे। मधु कोड़ा को भ्रष्टाचार का पर्याय मानते थे। आज कैसे ये अपने परिवार में इन्हें शामिल कर रहे हैं। सुप्रियो ने सवाल दागते हुए कहा कि कहां गया भाजपा का जीरो टॉलरेंस। आज तो उन्हें चुनाव लड़ने के लिए भाड़े में लोगों को लाना पड़ रहा है। भाजपा जान लें कि अब ईडी, सीबीआई, आईटी से कोई डरनेवाला नहीं।