जो सदन में राष्ट्र गान बजने पर भी अपनी सीट से नहीं उठें, ऐसे अधिकारियों के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चलाएं स्पीकर – बिरंची
भारतीय जनता पार्टी के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने राज्यपाल के अभिभाषण के पूर्व सदन में बजे राष्ट्र गान के अवसर पर अधिकारी दीर्घा में बैठे अधिकारियों द्वारा नहीं खड़ा होने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। जैसे ही राष्ट्र गान समाप्त हुआ, सदन में बिरंची नारायण ने अपने सीट से उठकर स्पीकर रबीन्द्र नाथ महतो से इस ओर उनका ध्यान आकृष्ट कराया, जबकि अन्य विधायकों पर इसका कोई असर नहीं दिखा।
ऐसे आप सभी जानते है कि राज्यपाल के अभिभाषण के पूर्व और समाप्ति के बाद हर राज्य के सदन में राष्ट्र गान बजने की परम्परा है, राष्ट्र गान बजते ही जो जहां होते हैं, वहीं खड़े होकर राष्ट्र गान का सम्मान करते हुए श्रद्धावनत् हो जाते हैं, पर ये दुर्भाग्य है झारखण्ड का, कि यहां के अधिकारियों पर राष्ट्र गान बजने के समय कैसे स्वयं को पेश आना चाहिए, इन्हें आता नहीं अथवा पूर्णतः भूल चुके हैं, तभी तो आज झारखण्ड विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के पूर्व जैसे ही राष्ट्रगान बजा, अधिकारी दीर्घा में बैठे अधिकारियों ने खड़ा होना ही उचित नहीं समझा।
बिरंची नारायण का कहना था कि स्पीकर को चाहिए कि वो सदन में लगे सीसीटीवी की जांच कराएं ऐसे अधिकारियों को दंडित करते हुए, उनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चलाएं, क्योंकि ये राष्ट्रगान का अपमान है। उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों को अपने राष्ट्रगान के प्रति प्रेम नहीं हैं, अच्छा रहेगा कि वे पाकिस्तान चले जायें, ताकि भारत को ऐसे लोगों से मुक्ति मिलें।
जब बिरंची नारायण ने यह मुद्दा सदन में उठाया तो स्पीकर और राज्यपाल अपने कुर्सी से खड़े थे और कुछ सेंकेंड के लिए हतप्रभ दिखे, इसके बाद राज्यपाल ने अपना अभिभाषण पढ़ना प्रारंभ किया।
अगर आम जनों की बात करें तो उनका कहना है कि राष्ट्रगान जैसे ही कोई भारतीय सुनता है तो वे बिना एक पल गवाए स्वतः सावधान की मुद्रा में खड़ा हो जाता है, और ये इतने बड़े अधिकारी होकर सावधान की मुद्रा में न खड़े होकर, बैठे रह गये, ये तो सचमुच शर्मनाक घटना है, कभी माफ नहीं करनेवाली घटना है क्योंकि ये घटना सामान्य जगहों पर नहीं, बल्कि सदन में घटी हैं, अब देखना ये है कि स्पीकर ऐसे अधिकारियों के खिलाफ इस पर क्या एक्शन लेते हैं?