अपनी बात

न खाता न बही जो धनबाद में ‘ढुलू’ और रांची में ‘कर्मवीर’ बोले सिर्फ वहीं सही, ऐसे में संघनिष्ठ/भाजपा के समर्पित कार्यकर्ताओं ने भाजपा छोड़ने व अपने नेताओं को सबक सिखाने का मन बनाया

ना खाता न बही जो धनबाद में ‘ढुलू’ और रांची में ‘कर्मवीर’ बोले सिर्फ वहीं सही, ऐसे में संघनिष्ठ और भाजपा के प्रति समर्पित कार्यकर्ताओं को भाजपा छोड़ने व इनके शीर्षस्थ नेताओं को सबक सिखाने के अलावे दूसरा कोई विकल्प नहीं बच रहा। भाजपा के एक शीर्षस्थ नेता विद्रोही24 को गुस्से में बताते है कि मिलिये इस नित्यानंद मंडल नव मनोनीत जिला अध्यक्ष भाजपा युवा मोर्चा से।

इससे पूर्व ये युवा मोर्चा के जिला कमेटी में जिला के मंत्री थे। सांसद के आशीर्वाद से ना उपाध्यक्ष और ना महामंत्री बने, सीधे इन्हें जिला अध्यक्ष बना दिया गया। यानि सब इंस्पेक्टर से सीधे पुलिस कप्तान। इस घटना से धनबाद के बाकी सारे भाजपा पदाधिकारी अवाक् और हतप्रभ है। ये सीधे भाजपा के अन्य पदाधिकारियों के मनोबल को गिराने वाला निर्णय, वो भी प्रदेश नेतृत्व द्वारा लिया गया जो हास्यास्पद है।

ये नेता यह भी कहते है कि ये नित्यानंद मंडल  जेपी होस्पीटल के निदेशक हैं। जिस अस्पताल पर आयुष्मान भारत योजना में करोड़ रुपए के फर्जीवाड़ा का जांच स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जा रहा है। ये घपला सरकार के सार्वजनिक पटल पर है। धनबाद के भाजपा नेताओं का यह भी कहना है कि जिलाध्यक्ष ग्रामीण भाजपा जिला के बने हैं मनीष साव।

ये विधायक ढुलू महतो के विधायक प्रतिनिधि थे। संगठन में ना मंडल स्तर पर कोई दायित्व था और ना ही कहीं भी अन्यत्र कोई जिम्मेदारी।  सांसद ढुलू की कृपा से सीधे जिला अध्यक्ष युवा मोर्चा बना दिये गये। इस घटना के बाद बाकी पूर्व कमेटी के सारे लोग दिन में तारे गिन रहें हैं। युवा मोर्चा के प्रदेश कमेटी में विकास महतो को सीधे प्रदेश का उपाध्यक्ष बना दिया गया है। जो आजसू, जेवीएम आदि होते हुए कुछ माह पूर्व ही भाजपा में शामिल हुए हैं। मंडल स्तर तक पर कोई दायित्व नहीं था।

सांसद ढुलू की कृपा प्राप्त करके प्रदेश नेतृत्व द्वारा सीधे प्रदेश उपाध्यक्ष बना दिये गये। ये विकास महतो धनबाद ग्रामीण जिला से आते है। इस कलाकारी के बाद भाजपा के पुराने और समर्पित कार्यकर्ता संघ से लेकर क्षेत्रीय संगठन मंत्री को लाचार और बेबस देख रहें हैं। कार्यकर्ता ये मान कर चल रहें हैं कि झारखंड में भाजपा धनाढ्य और जातीय पूर्वाग्रह से ग्रस्त व्यक्ति के साथ में हैं। जहां तपे तपाये संघनिष्ठ व्यक्ति के पलायन या विचलन के अलावे दूसरा कोई मार्ग अब नहीं बचता है।