मंडल कारा कोडरमा की तीन महिला कक्षपालों ने कारापाल पर लगाया गंभीर आरोप
मंडल कारा कोडरमा की तीन महिला कक्षपालों ने कोडरमा मंडल कारा के कारापाल पर अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया हैं, तथा इसकी शिकायत काराधीक्षक कोडरमा, पुलिस अधीक्षक कोडरमा, कारा महानिरीक्षक रांची, महिला समिति रांची तथा मुख्यमंत्री झारखण्ड से आज कर दी। आश्चर्य इस बात की है कि इन तीनों महिला कक्षपालों ने इसकी शिकायत सभी लोगों को कर दी, पर इस पूरे मामले को दबाने का प्रयास उच्चस्तर पर प्रारंभ कर दिया गया हैं।
ज्ञातव्य है कि ऐसी ही घटना घाटशिला जेल में भी घटी थी, जब वहां कार्यरत दीपांजलि ने वहां के जेलर अनिमेष चौधरी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, मामला मुख्यमंत्री जनसंवाद केन्द्र तक पहुंचा पर मामले को बड़े ही नाटकीय ढंग से उपर के वरीय अधिकारियों ने दबा दिया। मंडल कारा कोडरमा में घटी, कल की घटना को भी वरीय पुलिस पदाधिकारी दबाने के प्रयास में लग गये हैं, जबकि मंडल कारा,कोडरमा की इन तीनों महिला कक्षपालों ने इसकी लिखित शिकायत काराधीक्षक कोडरमा से कर दी हैं।
क्या यह भी मामला घाटशिला जेल की तरह दबा दिया जायेगा, या दोषियों को सजा मिलेगी, फिलहाल यहीं सवाल सबके जुबान पर हैं, लोगों का कहना है कि अगर यहीं हाल रहा तो ऐसी घटनाओं का हर जेल में अंबार लगेगा तथा मंडल कारा या अन्य स्थानों पर महिलाओं के साथ गलत करनेवालों का मनोबल बढ़ता चला जायेगा।
इधर अपनी शिकायत में इन तीनों महिला कक्षपालों सुषमा पन्ना, दिप्ती रजनी टोप्पो और शांता मिंज ने लिखा है कि वे तीनों प्रशिक्षण समाप्ति के बाद मंडल कारा कोडरमा में गत माह पदस्थापित हुई हैं। गत् 2 मार्च को रात्रि 9.30 बजे मंडल कारा कोडरमा के कारापाल उनके क्वार्टर में आये, नशे की हालत में गेट पर जोरदार धक्का देते हुए बाहर निकलने को कहा। जब सुषमा पन्ना व दिप्ती बाहर आये तो वे अपने आवास पर उन्हें चलने को कहा, जब दोनों ने इनकार किया तो सस्पेंड करने की धमकी दी।
फिर किसी तरह मना करने पर, वे अपने कमरे में वापस आये। इसी दौरान शांता मिंज जो रात्रि ड्यूटी में थी। महिला कक्षपालों के आवास से जाने के बाद, वे वहां अकेले 10.30 बजे पहुंचे, फिर वहां भी शांता से अभद्र व्यवहार करते हुए भला-बुरा कहने लगे तथा सस्पेंड करने की धमकी दी। ड्यूटी की समाप्ति के बाद उसे अपने आवास पर बिना किसी को बताएं आने को कहा और 11 बजे वार्ड से निकल गये।
महिला कक्षपालों का कहना हैं कि जेलर के इस व्यवहार से वे तीनों डरी और सहमी हुई हैं, अतः इस पूरे मामले की उचित जांच कर कारापाल पर कार्रवाई की जाय, जिससे उनलोगों की इज्जत आबरु बची रहे, अन्यथा वे तीनों अपने नौकरी से त्याग पत्र दे देंगी।
Such people should get punishment
Due to these people, daughters do not feel secure
Due to these people, daughters do not feel secure
Such people should get punishment
प्रशाशन के वर्दी में छिपे ऐसे दरिन्दें को कडी से कडी सजा मिलनी चाहिए । और यदि सरकार इस बात को दबाए तो कौन है जो अपराध के सामने टिक सकेगा । सरकार भले ही इसे highlight न करे पर दोषी दरिन्दें को कडी से कडी सजा दे ।ये जेलर को यह नौकरशाही व्यवस्था पर अभिमान है। इस व्यवस्था को बंद करे नहीं तो प्रशासन एवं आम जानता इससे नहीं बच पायेगी । और सरकारी पर्दे के पीछे छिपे ये पाखंडी देश की शक्ति को दीमक की भांति अंदर से खोखला कर देंगे।
इस दरिन्दे को नहीं पता की जो नयी कछपाल है ओ बेटी की उम्र की होगी ऐसे लोग को उसी जेल में फाँसी देनी चाहिए