अपनी बात

जनादेश के माध्यम से झारखण्ड की जनता ने रघुवर भक्त अखबारों-चैनलों को भी चेताया, सुधरिये नहीं तो सिधारने के लिए तैयार रहिये…

झारखण्ड की जनता द्वारा हेमन्त सोरेन को दिये गये जनादेश स्पष्ट रुप से कह रहा है कि यह जनादेश केवल हेमन्त सोरेन को सरकार बनाने के लिए नहीं मिला, यह जनादेश उन सारे अखबारों-चैनलों के लिए भी हैं, जो राज्य के निवर्तमान मुख्यमंत्री रघुवर दास के प्रति अपनी भक्ति दिखा रहे थे, उन पर श्रद्धा लूटा रहे थे।

अखबारों और चैनलों ने जिस प्रकार से पांच सालों तक रघुवर भक्ति की है, और चुनाव की अधिसूचना जारी होने के कुछ दिन पूर्व या उसके बाद जिस प्रकार राज्य के निर्वतमान मुख्यमंत्री रघुवर दास के चरणों में लोट-पोट किये हैं, वो बताता है कि राज्य की दुर्गति के लिए रघुवर दास के साथ-साथ यहां के अखबार व चैनल भी उतने ही जिम्मेवार है।

कई अखबारों ने अपने-अपने अखबारों के पेजों पर चुनाव को लेकर विशेष पेज दे रखे थे, पर उन पेजों पर विपक्ष नहीं दिखता था, जिसका मलाल नागरिकों को था, शायद यही कारण था कि झारखण्ड की जनता ने राज्य की अखबारों-चैनलों को भी सबक सिखाने की ठान ली थी, और ऐसा संकल्प लिया कि हेमन्त की हवा में अखबार और चैनल भी साफ हो गये।

आप यकीन मानिये कि आप जनता की नजरों में गिर चुके हैं, आपका कोई सम्मान नहीं हैं, आप को लोग अब गंदी नजरों से देखने लगे हैं, आम जनता की नजरों में आप नर्तकी तथा राजनीतिज्ञों को आपका कद्रदान समझने लगे हैं, इससे ज्यादा कुछ नहीं, अगर आपने अपने में सुधार नहीं लाया, तो वो दिन दूर नहीं कि आप भी कल निशाना बनेंगे, जनता का कोपभाजन बनेंगे, और इधर तो इस राज्य में ये सब अब दिखने भी लगा है।

बंद करिये, ऐसे लोगों की चापलूसी, जो राज्य की जनता को धोखे में रखते हैं, जो खुद शराब बेचने का धंधा करते हैं, जो स्कूलों में ताले लगवाते हैं, जो लड़कियां अशोभनीय हरकतों का विरोध करती हैं, उन्हें महिला आयोग से जलील करवाते हैं, जो निर्दोष लोगों को फंसाने का काम करते हैं, जो अपने स्वार्थ के लिए कोई भी कुकर्म करने को तैयार रहते हैं, पर आपने किया क्या? विपक्ष की आवाज दबाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, दो पैसों के लिए आपने अपनी पगड़ी निवर्तमान मुख्यमंत्री रघुवर दास के चरणों में रख दिया और उस व्यक्ति ने वह सारे कार्य आपसे करवा लिये, जिसे पीत पत्रकारिता कहा जाता है।

आप जो समझते थे कि जनता आपकी हरकतों को नहीं जानती, आप जो समझते थे कि आप जो हवा बनायेंगे, जनता उस हवा में बहकर फिर से रघुवर सरकार बना देगी, आपका सब आकलन हवा में चल गया और जनता लोकसभा के चुनाव परिणाम को नजरदांज कर विधानसभा में राज्यहित में जनादेश देकर, ऐसे चुनाव परिणाम दे दिये कि आपका गर्दन ही जनता ने पकड़ लिया।

कभी आप अब गांव में जाइये, तब आपको पता चलेगा कि आज झारखण्ड की जनता आपको कैसे स्वागत करती हैं, राज्य की जनता ने आपको “बिकाउ” कहना शुरु कर दिया हैं, अगर आप इस “बिकाउ” शब्द से प्रेम करते हैं तो फिर कोई बात ही नहीं, और अगर शर्म लग रही हैं तो अपने आचरण में सुधार लाइये और गलत को गलत तथा सही को सही कहना शुरु कीजिये, और बोलिये, अब तो सरकार भी उनकी चली गई।

बोलिये खखर कर कि, हाथी नहीं उड़ता हैं, यौन शोषकों को उनके किये का दंड मिलना चाहिए, चाहे वह विधायक ही क्यों न हो? विधायकों को भी सजा देने में गद्दारी नहीं होनी चाहिए, ऐसा नहीं कि सत्ता पक्ष का हैं तो उसे सजा देने में उसके विधायिकी का ख्याल रखा जाये और विपक्षी हैं तो उसकी विधायकी समाप्त करने के लिए तिकड़म खड़ी कर दी जाये, ऐसे आप जो करिये, इस जनादेश ने बता दिया कि आपकी कोई बात का असर, अब झारखण्ड की जनता पर नहीं पड़ता, क्योंकि सभी जानते हैं, अपना अखबार-चैनल बिकाउ हैं, माल मिलेगा तो यह जो चाहे वो बोलेगा, और माल नहीं मिला तो माल नहीं देनेवालों का टांग खीचेगा।