CONG व JMM द्वारा एड़ी-चोटी लगाने के बावजूद अग्निपथ योजना के खिलाफ बुलाया गया भारत बंद झारखण्ड में टांय-टांय फिस्स
कांग्रेस और उनके सहयोगियों तथा वामदलों से जुड़े कई छात्र संगठनों ने मिलकर नरेन्द्र मोदी सरकार की बहुप्रशंसित अग्निपथ योजना का विरोध करने के लिए आज भारत बंद का ऐलान किया था, पर भारत बंद के इस उनके ऐलान का पूरे भारत में क्या असर पड़ा, इसकी गारंटी तो मैं नहीं ले सकता, पर झारखण्ड की गारंटी ले सकता हूं कि यहां उनके भारत बंद का कोई असर नहीं पड़ा।
जनता इनके भारत बंद के ऐलान से कोसो दूर रही, जबकि झारखण्ड में इन्हीं के सहयोग से सरकार चल रही है, हालांकि राज्य की कांग्रेस-राजद समर्थित झामुमो की यहां की सरकार ने इस बंद को सफल बनाने के लिए एड़ी चोटी लगा दी थी, पूरे राज्य में सरकारी निजी स्कूलों को ऐहितयात के तौर पर बंद करने का आदेश तक जारी किया था, पर जनता को इससे क्या मतलब, वो आज राज्य सरकार प्रायोजित इस बंद को एक ही झटके में साफ कर दिया।
पूरे राज्य की प्रमुख शहरों में बंद का कोई असर नहीं दिख रहा। झारखण्ड के प्रमुख शहर जैसे रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो व डालटनगंज में बंद का कोई असर नहीं है, लोग आराम से आम दिनों की तरह जीवन-यापन कर रहे हैं, केन्द्र सरकार ने तो पूर्व में ही रेलवे को गुंडों व असामाजिक तत्वों से बचाने के लिए विभिन्न स्टेशनों पर चाक-चौबंद प्रबंध कर रखे थे।
जिससे आम रेलयात्रियों को वैसी परेशानी नहीं हुई, जो बिहार में कुछ दिनों से देखा जा रही था, जहां बिहार सरकार व राज्य के विपक्षी दलों की शह पर असामाजिक तत्वों ने राज्य के रेलयात्रियों को जीना-दूभर कर दिया था, जमकर गुंडागर्दी की थी, रेलवे संपत्तियों को चून-चून कर निशाना बनाया और इन्हीं गुंडों व असामाजिक तत्वों से जब ये पूछा जा रहा था, कि तुम ये गुंडागर्दी क्यों कर रहे हो, तो वे इसका सही जवाब नहीं दे पा रहे थे।
जो बताने के लिए काफी था, कि विभिन्न राजनीतिक दलों के इशारों पर बिहार में गुंडों का समूह सड़कों व रेल पटरियों पर उतरकर नंगा नाच कर रहा था और बिहार की पुलिस तमाशबीन होकर देख रही थी। बिहार के कई प्रख्यात पत्रकार व समाजसेवी तो खुलकर सोशल साइट पर इस गुंडागर्दी की आलोचना कर रहे थे, पर जिन राजनीतिक दलों व सत्ता में रह रहे असामाजिक प्रवृत्ति के नेताओं को गुंडागर्दी ही पसन्द हो, तो उन पर इस लिखने का क्या फर्क पड़ेगा।
उधर अचानक पत्रकार का लबादा ओढ़े यू-ट्यूबर का समूह भी इन गुंडों को उत्प्रेरित करने का काम कर रहा था, ताकि उनके सबक्राइबरों की संख्या बढ़े, उनके चैनलों को देखनेवालों की संख्या बढ़े, क्योंकि आजकल ऐसी खबरों को पढ़ने और देखनेवालों की संख्या भी बढ़ गई है। आश्चर्य इस बात की भी है कि अगर इसकी सच्चाई से जांच करा दी जाये तो साफ पता चलेगा कि ट्रेन जलाने में सत्तापक्ष और विपक्ष तथा इनके वरद सहयोग से पनपे गुंडे ही ज्यादा तबाही मचा रहे थे।
क्योंकि आम जनता और पढ़ने-लिखनेवाले युवाओं का इससे कोई मतलब नहीं था, नहीं तो उनका इससे मतलब रहता तो आज के बंद में स्वयं जनता भाग लेती, नरेन्द्र मोदी की सरकार को कटघरे में खड़े करती, लेकिन ऐसा कही देखने को नहीं मिला। आज झारखण्ड के सभी शहरों व गांवों में अभूतपूर्व शांति हैं, कही से कोई अप्रिय घटना का समाचार नहीं हैं।
जनता ने खुद मोर्चा संभाल लिया है, गुंडों व असामाजिक तत्वों की कही नहीं चल रही, आम जनता ने भी अग्निपथ योजना की प्रशंसा की हैं, कई पढ़े-लिखे विद्वानों ने तो नरेन्द्र मोदी की इस योजना को सेना के लिए क्रांतिकारी कदम बताया और विपक्षियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि देश का विपक्ष कभी भी मोदी के अच्छे कार्यों की प्रशंसा किया कि आज करेगा, उधर पीएम मोदी ने भी लगता है कि इस बार संकल्प ले लिया है कि इन गुंडों के आगे उन्हें झूकना नहीं हैं, वे इसे हर हाल में लागू करेंगे, तभी तो सेना के प्रमुख अधिकारियों ने अग्निवीरों के लिए जल्द ही अधिसूचना जारी करने का भी ऐलान कर दिया है।