उल्टा चोर कोतवाल को डांटे, CM रघुवर नाम कहावे, जिसके शासन में 16 लोग जहरीली शराब से मरे, वो JMM को दोषी बता रहा
झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कल कोल्हान के झींकपानी में रोड शो के दौरान भाषण के क्रम में कहा कि झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने आदिवासियों को दारु पिला-पिलाकर मार डाला। आदिवासी बहनों को विधवा बना दिया, पर मुख्यमंत्री रघुवर दास यह भूल गये कि उनके ही शासन काल में आज से ठीक दो साल पहले राजधानी रांची में, वह भी मुख्यमंत्री आवास से कुछ दूरी पर जहरीली शराब ने ऐसा कहर ढाया था कि उसमें 16 लोगों की जानें चली गई, जिसमें दो जैप के जवान भी थे।
हेमन्त के अनुसार रघुवर सीएम के रूप में कम लठैत के रूप में ज्यादा नजर आये, रघुवर दिल्ली BJP नेताओं के फोटो कॉपी मशीन मात्र
अब सवाल उठता है कि दो साल पहले उनके ही मुख्यमंत्री आवास से कुछ दूरी पर जहरीली शराब पीने से 16 लोगों की जान कैसे चली गई और जिन लोगों की जानें गई, उनकी औरतें विधवा नहीं हुई थी क्या?
नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास के इस बयान से बेहद खफा है, उनका कहना कि उन्हें समझ में नहीं आता कि रघुवर दास राज्य में सीएम की भूमिका में हैं, या लठैत की भूमिका में हैं। उनके शुरु के कार्यकाल से लेकर आज तक के बयानों को देखें, तो वे कभी मुख्यमंत्री के रुप में नहीं दिखे, सिर्फ और सिर्फ लठैत की भूमिका में दिखे। हेमन्त सोरेने कहते है कि इनके जो आका दिल्ली में बैठे हैं, मुख्यमंत्री उसके फोटो कॉपी मशीन से अधिक कुछ नहीं, इसलिए ये हमेशा हंसी के पात्र बन जाते हैं।
शराब के खिलाफ सर्वाधिक अभियान गुरुजी ने चलाया, झामुमो ने चलाया, जबकि रघुवर ने खुद शराब बेचवाने का काम किया
हेमन्त सोरेन कहते है कि दारुवाले बयान की प्रासंगिकता को हंसी के रुप में भी देखा जा सकता है, पर दूसरी ओर इसमें गंभीरता भी हैं। उन्होंने कहा कि शायद राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास को मालूम नहीं कि इस राज्य के आदिवासियों और मूलवासियों को उनके हक दिलाने के लिए गुरु जी ने क्या-क्या किया? गुरु जी ने सभी को सामाजिक, शैक्षिक व राजनैतिक स्तर पर जगाया और जो लोग नशे के शिकार हुआ करते थे, उन्हें नशा से दूर रहने का कई बार अभियान चलाया। उन्होने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री को ये पता ही नहीं कि राज्य के आदिवासियों और मूलवासियों ने इस झारखण्ड को बिहार से अलग करने के लिए कितना बड़ा और कितनी बार आंदोलन चलाया और इसमे कितनी औरतों के पतियों ने बलिदान दे दिया, अगर सीएम रघुवर को ये पता होता तो ये इस प्रकार की वे भद्दा कमेन्टस ही नहीं करते।
सीएम रघुवर द्वारा झामुमो के खिलाफ दिये गये आपत्तिजनक बयान पर कानूनविदों से सलाह लेंगे हेमन्त
उन्होंने कहा कि जो मुख्यमंत्री स्वयं शराब बेचवाता हैं, जो शराब को किराने के दुकान से बेचने का ख्वाब देखता है, जिसके शासनकाल में कई लोगों ने जहरीली शराब से दम तोड़ दिये, वो व्यक्ति आज झामुमो को ही इसके लिए दोषी ठहरा रहा हैं, अरे कौन नहीं जानता कि इस शराब के कारोबार में कौन लोग और किसके लोग शामिल है?
हेमन्त कहते है कि वे मुख्यमंत्री के इस बयान को राजनीतिक व कानूनी दोनों तरह से लड़ेंगे, वे राज्य के मुख्यमंत्री को पहले भी एक लीगल नोटिस भेज चुके हैं, जिसमें उनसे उन्होंने पूछा है कि वे बताएं कि पांच सौ करोड़ रुपये की जमीन कहां हैं? आज तक सीएम रघुवर ने उस लीगल नोटिस का जवाब नहीं दिया और इस शराब प्रकरण पर जिस प्रकार उन्होंने झामुमो को बदनाम करने की कोशिश की हैं, वे इस पर भी अपने कानूनी सलाहकारों से राय ले रहे हैं।
महिला प्रताड़ना केवल भाजपा की जिला मंत्री या जिला परिषद् अध्यक्ष के साथ ही नहीं, बल्कि सीएम आवास में भी होता है
ढुलू महतो और अमित महतो के मामले पर वे साफ कहते है कि अमित महतो ने गरीबों और न्याय से वंचितों के लिए लड़ाई की, और उन्हें दो साल की सजा दी गई, पर ढुलू जिस पर रंगदारी मांगने, वारंटी को जेल से छुड़ाने, वर्दी फाड़ने तक का आरोप है, वह तो धनबाद के व्यापारियों का जीना हराम कर दिया हैं, उसके उपर यौन शोषण तक के आरोप हैं, और ऐसे लोगों को मात्र डेढ़ साल की सजा मिलती है, जनता सब देख रही है और यह कैसे हो रहा हैं, ऐसा भी नहीं कि किसी को नहीं पता।
हेमन्त सोरेने कहते है कि चूंकि ढुलू जैसे लोग जिस पार्टी से आते है, उन्हें यह खाद-बीज आरएसएस जैसी संस्थाओं से मिलता है, जहां महिलाओं की कोई इज्जत ही नहीं, भाजपा की जिला मंत्री क्या? यहां तो जिला परिषद के अध्यक्ष तक को इज्जत नहीं मिलती, अरे महिला प्रताड़ना तो सीएम आवास तक होता है, पर महिलाओं को यहां न्याय मिलता कहां है? भाजपावाले तो बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ का सिर्फ और सिर्फ ढकोसला करते हैं।
हेमन्त सोरेन कहते है कि उनकी बदलाव यात्रा में लोग खुद आते थे, क्योंकि लोग झामुमो से आज से नहीं कई वर्षो से जुड़े हैं, गुरु जी का त्याग और सेवा उन्हें खींच लाता है, हमारी सभा में सीएम रघुवर की तरह प्रशासन द्वारा भीड़ नहीं लाई जाती, उन्होने कहा कि वे देख रहे है कि कार्यपालिका में बैठे सचिव स्तर के लोग आजकल मनी मैनेजमेंट में लगे हैं, बड़े-बड़े टेंडरों को निपटाने में लगे हैं, कमीशन प्राप्त करने में लगे हैं, जल्द ही जनता चुनाव के समय इन सभी बातों को ध्यान में रखकर फैसला सुनायेगी।
बहुत हो चुका अब सीएम रघुवर के उड़ने वाला हाथी को सीकर में बांधकर, छत्तीसगढ़ के जंगल में छोड़ आना बाकी रह गया है।
हेमन्त सोरेन ने कहा कि हरमू में होनेवाली 19 अक्टूबर की बदलाव रैली में एजेंडों की कमी नहीं हैं, पांच साल का निकम्मापन, विकास योजनाओं का बंटाधार होना, राज्य में विधि-व्यवस्था का समाप्त हो जाना, महिला सुरक्षा का समाप्त हो जाना, किसान की समृद्धि वाली योजनाओं का बंटाधार हो जाना, बतलाने के लिए काफी है कि इस राज्य से इस सरकार का जाना कितना जरुरी है। वे कहते है कि जिस राज्य में नहर चूहे कुतर देते हो, जहां हाथी उड़ानेवाला मुख्यमंत्री रहता हो, वो हाथी खूब खा-खाकर मस्त होकर, अब जमीन पर उतर गया हैं, अब बस करना ये है कि उस हाथी को सीकर में बांधकर छत्तीसगढ़ के जंगल में छोड़कर चले आना है।