नहीं थम रहा झारखण्ड प्रदेश महिला कांग्रेस का बवाल, अध्यक्ष गुंजन सिंह के खिलाफ आंदोलन जारी
झारखण्ड महिला कांग्रेस से निष्कासित पूर्व प्रदेश महासचिव संगीता तिवारी ने कल रांची में कहा कि लगातार 15 दिनों से वह और उनके साथ जुड़ी कई महिलाएँ झारखंड प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष गुंजन सिंह का विरोध कर रही हैं। विरोध का मूल कारण है कमेटी के महिलाओं का मानसिक प्रताड़ना, आर्थिक दोहन के साथ शारीरिक अत्याचार, महिलाओं के साथ बैठक में गाली गलौज करना, चप्पल जूता चलाना हैं, जो आज भी महिला कांग्रेस की बैठक में बदस्तूर जारी है।
संगीता तिवारी का कहना था इस कारण कई महिलाएं अपने पद की गरिमा को देखते हुए अपना मुंह नहीं खोलती थी। उन्होंने महिला कांग्रेस के उच्चाधिकारियों पर आरोप लगाया कि चुनाव में टिकट दिलाने के नाम पर फ्लाईट का टिकट कटाने का काम, बड़े नेताओं को खुश करने के लिए बोलना, जब चाहे कमेटी से पदाधिकारियों को निकालने की धमकी, केस में फंसाने की धमकी, मान–हानि करने का दावा वो करते रही है।
उन्होंने कहा कि एक साल बीत गए लेकिन आज तक कमेटी का विस्तार नहीं किया गया, नहीं किसी पदाधिकारी को कोई पत्र दिया गया, नहीं अनुशंसा कमेटी है, नहीं अनुशासन कमेटी, लोकसभा चुनाव बीत गया। किसी भी पदाधिकारी को किसी भी लोकसभा का प्रभारी नहीं बनाई, केवल फोन कर बोलती है, आपको वहां का पदाधिकारी बना दिया गया, परंतु पत्र मांगने पर कोई पत्र नहीं देती। वन मैन लीडरशिप करती है। कभी किसी उपाध्यक्ष और महासचिव से कोई मशवरा या राए नहीं लेती। जिससे सारी महिला पदाधिकारी नाराज हैं।
संगीता तिवारी ने कहा कि उनकी मांग है कि ऐसी पदाधिकारी को प्रदेश अध्यक्ष रहने का कोई औचित्य नहीं। गुंजन सिंह के ऊपर विभिन्न प्रकार का आरोप पूर्व में लगा हुआ है। गुंजन सिंह अपना जन्म तिथि भी कहीं पर 1983 तो कहीं पर 1988 लिखती है। जो 420 का प्रमाण दिलाता है। पंद्रह दिन के बाद भी किसी बड़े पदाधिकारी द्वारा उनलोगो से संपर्क नहीं किया गया और ना ही कोई हस्तक्षेप किया गया। बल्कि झारखंड महिला कांग्रेस के प्रभारी नेटा डिसूजा द्वारा लगातार फोन पर धमकी जारी है ।
संगीता तिवारी ने कहा कि इन्हीं सभी की वजह से उन्होंने महिला प्रदेश अध्यक्ष गुंजन सिंह का पुतला दहन आंख पर पट्टी बांध कर किया है क्योंकि अब महिला कांग्रेस की महिलाएं गुंजन सिंह को देखना नहीं चाहती है, उन्होंने कहा कि अगर केंद्रीय नेताओं द्वारा हस्तक्षेप नहीं होता है, तो यह सिलसिला जारी रहेगा। इस मौके पर विनीता पाठक, वी नागमणि, राखी कौर, लक्ष्मी देवी, हेमा मिंज, सीता देवी, सालु कौर, स्वेयता कच्छप, अनीता टोप्पो, आरती देवी आदि महिलाएं उपस्थित थीं।