अवैध खनन को लेकर बिरंची नारायण के प्रश्न पर सदन में हंगामा, भाजपा विधायकों ने विधानसभा की जांच कमेटी बनाने की मांग स्पीकर से की
आज एक बार फिर झारखण्ड विधानसभा में भाजपा विधायकों ने भारी हंगामा खड़ा कर दिया। इस हंगामें के कारण स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो ने सदन को चालीस मिनट के लिए स्थगित कर दिया। भाजपा विधायकों की मांग थी कि सरकार विधानसभा की एक कमेटी बनाये, जो राज्य में चल रहे अवैध उत्खनन व उसके कारण, राज्य के विभिन्न जिलों में जो कई पहाड़ें गायब हो गई। उसकी विधिवत् जांच करें।
चूंकि प्रश्नकाल चल रहा था। इसी दौरान भाजपा विधायक बिरंची नारायण का प्रश्न था, जो खनन एवं भूतत्व विभाग से संबंधित था। बिरंची नारायण का प्रश्न था कि सरकार बताये कि विगत तीन वर्षों में राज्य भर में अवैध पत्थर खनन और इसके अवैध परिवहन से संबंधित हजारों मामले आये हैं, जिसमें अवैध विस्फोटकों का मामला भी सम्मिलित है, क्या यह बात सही है कि उक्त अवैध खनन और परिवहन से राज्य में केवल संथाल परगना में ही एक हजार करोड़ से अधिक राजस्व का नुकसान हुआ है।
क्या यह बात सही है कि उक्त पत्थरों का अवैध परिवहन केवल राज्य के अंदर तक ही सिमटा हुआ नहीं है, अपित सीमावर्ती पड़ोसी राज्यों में भी वाहनों, रेलवे और जलयानों के द्वारा भी अवैध पत्थरों के परिवहन के कई मामले सामने आये हैं। यदि उपर्युक्त प्रश्नों के सारे स्वीकारात्मक है तो क्या सरकार व्यापक जनहित में उक्त अवैध खनन और परिवहन में सम्मिलित व्यक्तियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई करते हुए उनसे ही उक्त करोड़ों रुपये की राजस्व क्षति की रिकवरी करवाने और इन मामलों में सम्मिलित सभी दोषी पदाधिकारियों एवं प्राधिकारों के संलिप्त सक्षम व्यक्तियों पर समुचित कार्रवाई करने का विचार रखती है, हां तो कब तक, नहीं तो क्यों?
इसी प्रश्न को लेकर जब मंत्री बादल पत्रलेख ने जवाब देना शुरु किया। जिस जवाब से बिरंची नारायण संतुष्ट नहीं दिखे और फिर वे बेल में आ गये। बिरंची नारायण को बेल में जाता देख, भाजपा विधायक के सारे विधायक वेल में आकर, नारे लगाने लगे। इसी बीच प्रश्नकाल भी चलता रहा, लेकिन जैसे ही हंगामा तेज हुआ। स्पीकर ने 12.30 तक के लिए सदन स्थगित कर दी।
इसी हंगामें के दौरान बिरंची नारायण ने स्पीकर को कहा इतिहास आपको कभी माफ नहीं करेगा, आप न्याय की कुर्सी पर बैठे हैं, आप विधानसभा की एक कमेटी बना कर जांच कराने का आदेश क्यों नहीं देते। मणीष जायसवाल ने कहा कि सरकार एरियल सर्वे क्यों नहीं करा लेती, पता चल जायेगा कहां अवैध खनन हुआ और कहां से पहाड़ गायब हो गये। इसी प्रकरण पर निर्दलीय सरयू राय ने एनजीटी का मुद्दा उठाया, जिसमें एनजीटी ने गत् 15 मार्च को अपने आदेश में यह कहा है कि राज्य में अराजकता की स्थिति है, सरकार विफल हो गई। इसके बाद और सदन में और गरमाहट हो गई।
भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने इस दौरान स्पीकर रबीन्द्र नाथ महतो से कहा कि आपने (रबीन्द्र नाथ महतो ने) आसन का इस्तेमाल सही ढंग से नहीं किया। आपने पावर का सही इस्तेमाल नहीं किया, वो भी तब जबकि आप जानते है कि आप न्यायिक स्थान पर बैठे हैं। आप विधानसभा की कमेटी बनाइये, क्योंकि पलामू में भी कई पहाड़ गायब हो गये हैं।