वाह रे DD NEWS JHARKHAND, हेमन्त व उनके मंत्रिमंडल से खार और रघुवर तथा भाजपाइयों से प्यार
हमें लगता है कि जितना नफरत और घृणा राज्य के CM हेमन्त सोरेन और उनके मंत्रिपरिषद् से DD NEWS JHARKHAND करता है, उतना कोई भी चैनल या मीडिया हाउस नहीं करता होगा। उसके एक नहीं अनेक उदाहरण हमारे पास है, पर क्या मजाल कि DD NEWS JHARKHAND के अधिकारी या सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार से जुड़े मंत्रियों और अधिकारियों के कानों में जूं तक रेंगे।
फिलहाल DD NEWS JHARKHAND का टिव्टर हैंडल कर रहे लोगों के कारनामें देखिये। ये राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन हो या कृषि मंत्री बादल पत्रलेख या और कोई भी मंत्री, ये DD NEWS JHARKHAND वाले किसी को नहीं समझते और न ही भाव देते हैं। इनके नजरों में अगर कोई पूज्यमान हैं तो वे हैं भारत सरकार से जुड़े मंत्रियों का समूह और उसके बाद बचे तो झारखण्ड के भाजपाई नेता, बाकी लोगों की अहमियत उनके नजरों में कुछ भी नहीं। जैसे अब से तीन घंटे पहले टिव्टर पर दिये गये इस पोस्ट को देखिये…
“राजधानी # रांची और आसपास के क्षेत्रों में मिश्रित और सघन # कृषि का प्रचलन काफी बढ़ गया है, जिससे कृषक आर्थिक रुप से सशक्त बनकर आत्मनिर्भर हो रहे हैं। मिश्रित और सघन कृषि का प्रचलन खासकर सब्जी की खेती, जो की नगदी फसल है, उसमें काफी हो रहा है। @nstomar @dasraghubar @SethSanjayMP” ये पोस्ट साफ कह रहा है कि DD NEWS JHARKHAND वालों ने इस पोस्ट को केन्द्रीय मंत्री एनएस तोमर, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास जो वर्तमान में विधायक तक नहीं, उनको तक टैग किया, यहां तक की रांची के सांसद संजय सेठ को भी टैग किया, पर राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख को टैग करना जरुरी नहीं समझा। आखिर ये घृणा व नफरत नहीं तो और क्या है?
अब जरा DD NEWS JHARKHAND के एक और पोस्ट को देखिये, इसने तीन घंटे पहले क्या ट्विट किया – “# रांची जिले के ओरमांझी प्रखंड के किसान इन दिनों लाह की खेती कर आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। यहां के किसानों का कहना है कि परंपरागत कृषि से हटकर व्यवसायिक खेती करने से आमदनी में कई गुणा वृद्धि हो रही है। @smritiirani @nstomar @MundaArjun @dasraghubar @SethSanjayMP” यहां पर भी DD NEWS JHARKHAND वालों ने वहीं किया जो वे करना चाहते हैं या उनसे करवाया जा रहा है। जो सत्ता में नहीं है, जो विधायक तक नहीं हैं, उसे भाव दिया जा रहा है, जो विपक्ष का नेता तो छोड़ दीजिये, किसी नगर पर्षद का जनप्रतिनिधि तक नहीं, उसे टैग कर बताया जा रहा हैं, पर जो राज्य का मुख्यमंत्री है, जो राज्य का कृषि मंत्री है, जिसके विभाग से यह संबंधित समाचार है, उसे टैग नहीं किया जा रहा।
क्या इससे पता नहीं चलता कि डीडी न्यूज झारखण्ड से जुड़े अधिकारियों के मन में क्या चल रहा है, अगर इसी बात पर हेमन्त सरकार एक्शन ले लें और इन्हें भाव देना बंद कर दें, फिर इनका पैंतरा देखिये, ये और इनके केन्द्र मे बैठे मंत्री और इनके भाजपा नेता यहां क्या-क्या बयान देना शुरु कर देंगे, लेकिन अभी जो झारखण्ड में चल रहा हैं, उसके लिए किसे सजा दिया जाय।
क्या डीडी न्य़ूज के मठाधीशों को पता नहीं कि कृषि भारतीय संविधान के अनुसार राज्यसूची में आता है, अगर नहीं पता तो जाकर किसी संविधान विशेषज्ञ से पूछ लें, क्योंकि मुझे नहीं लगता कि कृषि को लेकर राजनीति की जायेगी तो कृषि का विकास हो पायेगा, आप भाजपा भक्ति में लीन हो जाये, हमें कोई मतलब नहीं या भाजपा के लोगों को चरणामृत ग्रहण करें, उससे भी कोई मतलब नहीं, पर राज्य की जनता को जानने का हक है कि आखिर आप रघुवर से प्यार और हेमन्त से इतनी नफरत क्यों कर रहे हैं? एक बात और जान लीजिये, आपको तनख्वाह/मानदेय कोई राजनीतिक दल नहीं देता और न ही कोई मंत्री या कोई व्यक्ति देता है। तनख्वाह/मानदेय, आपको सरकार देती है और सरकार को पैसा जनता के करों द्वारा प्राप्त होता हैं।