अपनी बात

विद्रोही24.कॉम की बात हुई सच, सरयू ने जमशेदपुर पूर्व में रघुवर को चुनौती देकर भाजपा की छाती में कील ठोंका

आखिरकार वही हुआ, विद्रोही24.कॉम की बात सच हो ही गई। सरयू राय ने आज पूर्वाह्न 11 बजे जमशेदपुर में संवाददाता सम्मेलन कर यह बात कहकर सबको चौका दिया कि वे जमशेदपुर पूर्व से चुनाव लड़ने जा रहे हैं, उन्होंने यह भी कहा कि वे जमशेदपुर पश्चिम से भी चुनाव लड़ेंगे। जमशेदपुर पश्चिम में उनके कार्यकर्ता व समर्थक मोर्चा संभालेंगे और जमशेदपुर पूर्व में वे अकेले मोर्चा संभालेंगे। निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में खड़े होकर, उन्होंने भाजपा के उन लोगों पर कसकर तमाचा भी जड़ा, जो उनकी दलीय निष्ठा पर सवाल खड़ा करने के लिए मुंह बायें खड़े थे।

राजनीतिक पंडितों का मानना है कि चूंकि इन दिनों भाजपा एक विशेष शोध कर रही हैं, उस शोध में भाजपा यह जानने की कोशिश कर रही हैं कि अश्लील विडियो बनानेवालों, किसी महिला का हत्या कर देनेवालों, यौन-शोषण करनेवालों, विभिन्न प्रकार के घोटालों को अंतिम रुप देनेवालों आदि के आरोपियों तथा दलबदलूओं को टिकट देने से झारखण्ड में क्या होता हैं? इसलिए उसने जमकर ऐसे लोगों को सीएम रघुवर दास के इशारों पर टिकट दिलवाये, क्योंकि सूत्र बताते है कि भाजपा के शीर्षस्थ नेताओं का मानना है कि झारखण्ड में ऐसे ही लोगों को जनता वोट देती हैं, और यहीं देश के असली कर्णधार हैं।

राजनीतिक पंडितों का मानना है कि अगर झारखण्ड की जनता ऐसे भ्रष्ट व अनैतिक लोगों को जिन्हें भाजपाइयों ने टिकट दिया हैं, उसे जीताती हैं तो इन भाजपाइयों का मनोबल बढ़ेगा और सीएम रघुवर दास जैसे लोगों को छाती चौड़ी होगी, और वे फिर वो सब काम करने में कामयाब होंगे, जिनके लिए ये पिछले पांच वर्ष तक जाने जाते रहे हैं।

राजनीतिक पंडित बताते है कि सोचने का अधिकार सबको हैं, कोई बुरा सोचता हैं तो कोई भला सोचता हैं, उसी प्रकार शोध करने का भी सबको अधिकार हैं, चूंकि पांच वर्ष में एक बार विधानसभा चुनाव का मौसम आता हैं, इसलिए शोध होना भी चाहिए और जनता को भी ऐसे लोगों को करारा तमाचा देकर, जमीन सूंघाने का मौका, पांच साल में एक बार मौका मिलता है।

अगर जमशेदपुर पूर्व में सरयू राय जीतते हैं तो साफ पता चल जायेगा कि जनता क्या चाहती है, क्योंकि जिस प्रकार कल देर रात जमशेदपुर की जनता सरयू राय के आवास पर जाकर, उनके चुनाव लड़ने की गुहार लगा दी, तो समझ लीजिये कि जनता कितनी उतावली हैं, करारा तमाचा जड़ने को, और इसके बाद भी किसी को समझ नहीं आ रहा तो उस नासमझ को समझाने का ठेका राजनीतिक पंडितों ने थोड़े ही ले रखा हैं।

पूरे राज्य में बड़ी तेजी से झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा हैं, ये गुस्सा आम जनता में तो पहले से ही था, अब यह बढ़कर भाजपा कार्यकर्ताओं एवं संघ के आनुषांगिक संगठनों के अधिकारियों में भी फैलता जा रहा हैं, सभी एक स्वर से रघुवर दास के खिलाफ मोर्चा संभाल चुके हैं, उपर से तो ये भय के कारण रघुवर दास का मंत्र जप रहे हैं, पर अंदर ही अंदर ये रघुवर को कोसने से भी नहीं चूक रहे हैं, धनबाद लोकसभा के निरसा विधानसभा क्षेत्र से गणेश मिश्र का ऐन मौके पर टिकट काट देना और जमशेदपुर पश्चिम से सरयू राय को लेकर टिकट देने के मुद्दे पर संशय बनाये रखना आग में घी का काम किया है।

राजनीतिक पंडित तो साफ कह रहे है कि जनता को जमशेदपुर पूर्व में महामुकाबला देखने के लिए तैयार रहना चाहिए तथा यह भी उन्हें देखना है कि पूरे देश की नजर जमशेदपुर पूर्व में हैं, रघुवर दास और सरयू राय के बीच में हो रहा यह मुकाबला बतायेगा कि हाथी सही मायनों में उड़ता हैं या नहीं, जीत भ्रष्टाचारियों की होगी या ईमानवालों की, जीत किसकी होगी, जो अनैतिक व चारित्रिक रुप से पतित लोगों को टिकट दिलवाया या जिसने नैतिकता के आधार पर जीवन जिया, फैसला जमशेदपुर पूर्व की जनता को करना हैं, फिलहाल जब तक फैसला आयेगा, हमारी भी नजर इस पर हैं।