प्रदेश भाजपा के शीर्षस्थ नेताओं के दुलारे बाघमारा के दबंग विधायक ढुलू महतो के अत्याचार से त्रस्त ग्रामीणों ने धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर अनिश्चितकालीन धरना देना शुरु किया
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के आंखों के तारे, संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह के दुलारे, पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान में ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास के दिल की धड़कन कहे जानेवाले, बाघमारा के दबंग भाजपा विधायक ढुलू महतो के शोषण व भीषण अत्याचार से त्रस्त, रामराज मंदिर चिटाहीधाम के समीप रहनेवाले ग्रामीणों ने कल यानी मंगलवार से धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर अनिश्चितकालीन धरना शुरु कर दिया।
लेकिन प्रदेश में बैठे भाजपा के शीर्षस्थ नेताओं को इतनी भी शर्म नहीं कि वे अपने इतने होनहार दबंग विधायक से यह पूछे कि भाई ये सब क्या हो रहा हैं? आश्चर्य यह भी है कि धनबाद जिला प्रशासन से लेकर रांची स्थित सीएमओ भी इस मुद्दे पर चुप है। जबकि इन ग्रामीणों ने एक नहीं कई बार अपनी पीड़ा धनबाद जिला प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचाई है।
ग्रामीणों का कहना है कि बाघमारा का दबंग विधायक ढुलू महतो चाहता है कि उनकी जो पुश्तैनी जमीन हैं, वो पुश्तैनी जमीन वे ढुलू महतो के मंदिर को दान में दे दें। ग्रामीणों का कहना है कि वे अपनी जमीन ढुलू महतो के मंदिर को दान में दे देंगे तो वे खायेंगे क्या और रहेंगे कैसे? ग्रामीणों का कहना है कि मंदिर को जमीन दान में दे देने के लिए ढुलू महतो रह-रहकर तरह-तरह की षडयंत्र करता है। जिसको लेकर उन्होंने धनबाद से लेकर रांची तक आंदोलन किया। लेकिन उनकी कोई सुनता ही नहीं।
पूर्व में भी दो साल पहले इन लोगों ने 29 दिनों का आमरण अनशन धनबाद के रणधीरवर्मा चौक पर किया था। तब प्रशासन ने उन्हें न्याय दिलाया था। एक बार फिर ढुलू महतो द्वारा अत्याचार शुरु हुआ है। इन ग्रामीणों के आजीविका का हरण करने का काम ढुलू महतो द्वारा शुरु किया गया हैं। इनकी बिजली तक कटवा दी गई है। उनके दुकाने के सामने से ऐसा पंडाल लगा दिया गया है कि ग्राहक उनके दुकानों तक पहुंच ही न सकें।
जिससे इनके सामने जीने का संकट उत्पन्न हो गया है। ढुलू महतो के इस अत्याचार से इन ग्रामीणों ने फिर धनबाद के उपायुक्त, धनबाद एसएसपी और मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। साथ ही कहा था कि उन्हें न्याय दिलाया जाय। उन्हें ढुलू महतो के अत्याचार से बचाया जाय। लेकिन कोई सुनता ही नहीं। ऐसे में सभी ग्रामीणों ने ढुलू महतो के अत्याचार से आजीज होकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गये।
इन ग्रामीणों का यह भी कहना है कि सुना है कि विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। उन्हें लगा था कि कोई न कोई विधायक उनकी संकट को लेकर सदन में यह मुद्दा उठायेगा, लेकिन गरीब की यहां कौन सुनता है। हमलोग शायद मरने के लिए ही बने हैं। इनका यह भी कहना है कि वे ढुलू के अत्याचारों के आगे नहीं झूकेंगे और संघर्ष करते रहेंगे।
राजनीतिक पंडितों का इस मामले में कहना है कि मोदी की गारंटी का नारा देनेवाले लोगों को अपने विधायकों का लगता है कि अत्याचार नहीं दिख रहा है। अगर इसी तरह अत्याचार इनका चलता रहा तो वक्त की मार झेलने के लिए भाजपावाले तैयार रहे, क्योंकि वक्त हमेशा एक का ही नहीं रहता, बदलता जरुर है और जब यह ग्रामीण अपने रुप में आयेंगे तो भाजपावालों को भी पता चल जायेगा कि उन्होंने कौन सा पाप किया था?