बस CM साहेब, अब यहीं बाकी रह गया था, आपने वह भी पूरा कर दिया…
दिल तो पागल है, दिल दीवाना है, पहली-पहली बार मिलाता है यहीं, अंखियों से…
बस अब यहीं बाकी रह गया था, रैंप पर चलना, वह भी आपने कर ही दिया, और भी कोई नाटक या नौटंकी करना बाकी रह गया हो, तो वह भी पूरा कर लीजिये, क्योंकि सीएम का पद फिर मिले या न मिले, कौन जानता है?
हमें लगता है कि रैंप पर चलने का रिकार्ड भी झारखण्ड के पक्ष में ही गया होगा, क्योंकि हमें नहीं लगता कि किसी राज्य का मुख्यमंत्री, अभिनेत्रियों या मॉडलों के साथ रैंप पर उतरा हो, पर झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास तो अपने आप में निराले हैं, उनका निरालापन तो इसी से झलकता है कि वे दो मॉडलों के साथ, देखिये, कैसे रैंप पर मुस्कराते हुए, वे रैंपवॉक कर रहे है।
कल की ही बात है, रांची के इटकी में बड़े ही ताम-झाम के साथ शुरु कई गई डीबीटी इन पीडीएस, प्लान बुरी तरह से ध्वस्त हो गया, पर सरकार बहादुर को शर्म नहीं। रांची के हिंदपीढ़ी इलाके में चिकनगुनिया और डेंगू से लोग त्रस्त है, पर जनाब को या उनके मंत्रियों का या उनके विधायकों को फुर्सत नहीं, कि चिकनगुनिया/डेंगू से प्रभावित लोगों को जाकर देख आये, थोड़ा तसल्ली दे दें, पर जरा देखिये रैंप पर चलने, वह भी मॉडलों के साथ, कैसे प्रसन्नचित्त होकर आनन्द उठा रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन ने इनकी इस हरकत पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन ने कहा है कि एक ओर बुनकरों को महीनों से काम नहीं मिल रहा, घोटाला करनेवाले अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, राज्य में बीमारियां महामारी का रुप धारण कर रही है, बलात्कार की घटनाएं लगातार बढ़ रही है, कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है, लोग भूख से मर रहे हैं, और जनाब को ऐसी हरकतों के लिए पूरा समय है, यानी शर्म भी इस सरकार के आगे शर्मिंदा है।
झारखण्ड विकास मोर्चा ने भी सीएम रघुवर दास के रैंप पर चलने को लेकर सवाल उठाए है। झाविमो की केन्द्रीय प्रवक्ता सुनीता सिंह ने अपने बयान में कहा है कि मुख्यमंत्री रघुवर दास को यह शोभा नहीं देता कि वे रैंप पर चले, वह भी तब, जब राजधानी रांची में ही चिकनगुनिया और डेंगू से लोग पीड़ित हो, और लोग बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए सरकार की ओर टकटकी लगाए हो।