वाह रे झारखण्ड, 29 मार्च आया ही नहीं, प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की 37वीं बोर्ड बैठक संपन्न भी हो गई
17 मार्च 2019, दिन रविवार का, प्रभात खबर का रांची संस्करण, पृष्ठ संख्या 14 के मध्य में नजर डालिये। वहां झारखण्ड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सदस्य सचिव राजीव लोचन बख्शी द्वारा प्रसारित एक विज्ञापन दिखाई देगा। जिस विज्ञापन में लिखा है कि पर्षद के 37 वीं बोर्ड बैठक, दिनांक 29.03.2019 को सम्पन्न में लिये गये निर्णय के आलोक में…….कर दिया जायेगा।
अब सवाल उठता है कि अभी 29 मार्च आया ही नहीं, तब ऐसे हालात में पर्षद की 37 वीं बोर्ड बैठक, कैसे सम्पन्न हो गई, क्या झारखण्ड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने मान लिया कि आगामी 29 मार्च को बैठक नहीं होगी, ऐसे ही उक्त बैठक को मान लिया गया, और आनन–फानन में यह विज्ञापन प्रकाशित कर दिया गया, या इसे मानवीय भूल कहा जाये, और अगर यह मानवीय भूल हैं तो इसे कब सुधारा गया, क्या झारखण्ड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद बतायेगा? या मैं चाहे वो करुं, मैं चाहे जो करुं वाली स्थिति यहां भी लागू है।
आश्चर्य की बात हैं कि यह विज्ञापन केवल एक अखबार में ही नहीं, राज्य के कई अखबारों में प्रसारित और प्रकाशित हुए हैं, राज्य सरकार बताये कि इसमें किसका नुकसान हो रहा हैं, सरकार का, विभाग का, जनता का, या उक्त अधिकारी का। आप तो इसे गलती मानकर, हो सकता है कि फिर से विज्ञापन भूल सुधार करके निकलवा देंगे, पर ये जो इसको लेकर वित्तीय नुकसान हुआ, उसका भरपाई कौन करेगा?