ढुलू के गुर्गों का कमला को वार्निंग, कम्परमाइज करो, केस के चक्कर में न पड़ो, नहीं तो बर्बाद कर देंगे
जब से उच्च न्यायालय एवं लोअर कोर्ट में राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास के चहेते बाघमारा के दबंग भाजपा विधायक ढुलू महतो पर विभिन्न मामलों में दबिश बढ़ी है, तब से ढुलू और उनके ढुलू समर्थकों में बेचैनी हैं, उन्हें लग रहा है कि भाजपा का हाईकमान कहीं टिकट न काट दें, जबकि सच्चाई यह है कि भाजपा में अब कोई न तो दीनदयाल उपाध्याय है और न ही डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे नेता है।
चिन्मयानन्द व सेंगर जैसे लोगों की पार्टी बन चुकी bjp में ढुलू को ही मिलेगा टिकट, प्रचार को मोदी या शाह पहुंच सकते हैं बाघमारा
यहां तो अब शत प्रतिशत शुद्ध यूपी वाले स्वामी चिन्मयानन्द व सेंगर जैसे लोगों का वर्चस्व है, इसलिए बाघमारा से ढुलू को भाजपा का टिकट नहीं मिले, ये हो ही नहीं सकता, ऐसे भी भाजपा को चुनाव लड़ने के लिए पैसे चाहिए, तो आखिर उन्हें सीट और पैसे कौन दिलायेगा, ढुलू जैसे ही लोग न, इसलिए टिकट तो इनका भाजपा से शत प्रतिशत मिलेगा और इन्हें विजयश्री दिलाने के लिए अमित शाह और नरेन्द्र मोदी जैसे लोग बाघमारा में अगर चुनावी रैली कर दें तो इस पर आश्चर्य भी मत करियेगा।
क्योंकि जातीय दृष्टिकोण से अमित शाह, नरेन्द्र मोदी, रघुवर दास और ढुलू महतो चारो सजातीय है, इसलिए इस दृष्टिकोण से भी ढुलू की जय–जय हैं, तभी तो धनबाद पुलिस, धनबाद पुलिस के नाम से कम ढुलू पुलिस के नाम से ज्यादा जानी जाती है, तभी तो ढुलू पर कमला यौन शोषण का आरोप लगाती है, ढुलू के खिलाफ हाई कोर्ट के इस संबंध में संज्ञान लेने पर भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाती, यहां तक की सर्वोच्च न्यायालय के उस वक्तव्य को भी हवा में उड़ा दिया जाता है।
जिसने पुलिस की वर्दी पर हाथ डाले, आज उसी को बचाने में ज्यादा दिमाग लगाती है यहां की पुलिस
जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि यौन शोषण के मामले में प्राथमिकी अवश्य दर्ज होनी चाहिए, तभी तो रघुवर दास के एक इशारे पर ढुलू के उपर लगे सारे केस को उठा लेने का प्रयास तेज कर दिया जाता है, वह भी उन केसों को जिसमें ढुलू पर आरोप है कि उसके समर्थकों ने एक पुलिस पदाधिकारी का वर्दी तक फाड़ दिया था, हथियार छीनने का प्रयास किया था।
जिसको चाहे, उसे झूठे केस में फंसाता है ढुलू और पुलिस करती है, उसकी मदद
कमाल देखिये ढुलू पुलिस का, जैसे ही ढुलू का संबंधित किसी थाने में फोन जाता है, ढुलू के इशारे पर किसी भी व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज कर दिया जाता है और उसकी जिंदगी तबाह करने का कार्यक्रम शुरु कर दिया जाता है। जिस कमला ने ढुलू महतो पर यौन शोषण का आरोप लगाया, उसकी प्राथमिकी तक दर्ज नही की गई, जबकि उसके पति और उसके साथ रहनेवालों पर प्राथमिकी दर्ज करवा दी गई, यहीं नहीं जो लोग कमला को मानवीयता के आधार पर मदद कर रहे हैं, उन पर भी केस लाद दिये गये।
यहीं नहीं सुप्रसिद्ध समाजसेवी विजय झा के बेटे को झूठे बलात्कार के आरोप में फंसा दिया गया, नया मामला यह आया है कि इनके जमीन पर भी ढुलू के इशारे पर उनके समर्थकों ने कब्जा करने की तैयारी शुरु कर दी, यहीं नहीं विजय झा का सामाजिक बहिष्कार करने का भी ऐलान कर दिया गया और इन सारे मामलों में स्थानीय पुलिस ढुलू के आगे नतमस्तक है, तभी तो लोग धनबाद पुलिस को ढुलू पुलिस के नाम से जानते हैं।
अब कमला की जिंदगी तबाह करने में लगाया दिमाग, कमला ने भी कहा – मर जाउँगी पर ढुलू के आगे नहीं झुकूंगी
इधर नया मामला यह है कि यौन शोषण का आरोप लगानेवाली कमला के हाइवा को ढुलू के समर्थकों ने अगवा कर लिया, जिसकी प्राथमिकी जोगता थाना में दर्ज करवा दिया गया। जिन पर कमला के हाइवा के अगवा करने का आरोप है, वह और कोई नहीं ढुलू के लोग हैं। कमला बताती है कि इसमें विशाल शर्मा, अभय सिंह, पप्पू सिंह (लोयाबाद मंडल भाजपाध्यक्ष), और सुबोध पासवान ( लोयाबाद मंडल भाजपा उपाध्यक्ष) के नाम शामिल है।
कमला बताती है कि इन दिनों हरजिंदर सिंह कांके बार–बार मोबाइल पर फोन कर, तथा घर पर आकर पूरे मामले को कम्परमाइज करने का दबाव बना रहा है, उसका कहना है कि अगर कम्परमाइज नहीं करेगी तो उसका ही नुकसान होगा, ढुलू का कुछ नहीं होगा, इधर इन दिनों अचानक उसके कारोबार पर हो रहे हमले, कभी मिल रही धमकी, कभी उसके गवाहों पर हो रहे हमले से वह तनाव में हैं, कुछ कर लेने को उसका मन करता है, क्योंकि उसे कही से भी न्याय मिलता नहीं दिख रहा, ऐसे में वह क्या करें? कमला का कहना है कि वह मर जाना पसन्द करेगी, पर ढुलू जैसे आतताइयों के आगे नहीं झूकेगी।
इधर राजनीतिक पंडितों का कहना है कि ये नई भाजपा है, जहां अब चिन्मयानन्द और सेंगर जैसे लोगों को बचाने की परम्परा चल गई हैं, ऐसे में अगर राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास अपने चहेते ढुलू को बचाने का प्रयास कर रहे हैं तो कुछ भी गलत नहीं कर रहे, क्योंकि ये तो नई भाजपा है न, वो हर काम करेंगे, जिससे सामाजिक ताना–बाना नष्ट होता है, क्योंकि आजकल वोट भी सत्यान्वेषी को नहीं मिलता, ढुलू जैसे टाइगर को मिलता है, इसलिए वे अगर ढुलू की मदद कर रहे हैं तो कोई गलत नहीं कर रहे। हां कमला को न्यायालय पर भरोसा करनी चाहिए, क्योंकि अंततः ऐसे लोगों का इलाज न्यायालय ही करेगी, उसे इस भरोसे को कन्टीन्यू करना चाहिए।