राजनीति

हमने किसानों के दो लाख तक के कृषि ऋण माफ कर दिये, कही ऐसा नहीं कि भाजपावाले इसके खिलाफ भी कोर्ट चले जायें, लेकिन चिन्ता मत करिये, हमलोग लड़नेवाले लोग हैं, लड़ेंगे, जीतेंगेः हेमन्त

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का कहना है कि आज रांची में झारखण्ड के लगभग 1.76 लाख मेहनती किसानों का दो लाख तक कृषि ऋण माफ करने का उन्हें सौभाग्य मिला। इससे हमारे किसान सशक्त होंगे तो हमारी ग्रामीण व्यवस्था भी मजबूत होगी। आगे उन्होंने कहा कि आज रांची में यह ऋण माफी जुटान नहीं है बल्कि किसानों के सम्मान का महाजुटान है। आज किसानों के ऋण माफी के लिए हम सब एकत्रित हुए हैं।

उन्होंने कहा कि हमारे राज्य में 80% लोग गांव-देहात में निवास करते हैं, जो खेती-बाड़ी से जुड़े हुए हैं। इसी पर इनका जीवन यापन भी होता है। किसानों के पास बोरा में भरकर पैसा नहीं है, बैंक बैलेंस नहीं है, कोई एटीएम कार्ड भी नहीं है। बड़ी मुश्किल से बैंक खाता खुलता भी है तो उस खाते में पैसा मेहनत-मजदूरी करके जमा करने का प्रयास किसानों का रहता है।

इसलिए मैं कहता हूं, हमारे किसानों का बैंक, खेत होता है और किसानों का एटीएम उनका खलिहान होता है। लेकिन इस देश में ऐसे भी लोग हैं जिनके पास ना खेत है, ना पानी है, और न चापाकल है, सिंचाई का कोई साधन भी नहीं है। लेकिन आज पूंजीपतियों के पास बैंकों में पैसा जमा पड़ा है। चंद लोगों के पास इतना पैसा है कि देश के सवा सौ करोड़ लोग उस पैसा को गिनने में जुट जाएं तो उनकी उम्र खत्म हो जाएगी, लेकिन पैसे की गिनती समाप्त नहीं होगी।

उन्होंने कहा कि वह पैसा कहां से आया? वह पैसा इस देश के गरीब, किसान, मजदूर लोगों का पैसा है। आज नमक, तेल, जूता, चप्पल, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई सब में आपको टैक्स लगता है। आपके टैक्स का पैसा उन व्यापारियों की जेब में जाता है। आज देश के किसानों को उनकी आय दोगुनी करने का, एमएसपी बढ़ाने का पैसा भाजपा के पास नहीं है, बुजुर्गों को बुढ़ापे का सहारा लाठी, जो पेंशन के रूप में होता है, वह देने का पैसा उनके पास नहीं है। इस देश की आधी आबादी को सशक्त करने का, उनको अपने पैरों पर खड़ा करने हेतु हिम्मत देने के लिए उनके पास संसाधन नहीं है। लेकिन अपने बड़े-बड़े व्यापारी मित्रों के लिए लाखों रुपया इनके पास भरा पड़ा है।

उन्होंने कहा कि आप लोगों ने सुना होगा कि पूरा देश का किसान भारतीय जनता पार्टी की सरकार को एक साल से अधिक समय तक दिल्ली में घेर कर बैठ गया था। दिल्ली में किसान इस तरह घेर कर बैठे कि भारत सरकार उस चार दिवारी से बाहर नहीं निकल पा रहा थी। उस आंदोलन में कई किसानों की जान भी चली गई।

लेकिन किसान डटे रहे, क्योंकि यही एनडीए भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसानों के लिए काला कानून लेकर आ रही थी। पूरे देश के किसानों को व्यापारियों के हाथों बेचने की तैयारी हो रही थी। वैसे भी देश का सब संपत्ति ये लोग बेच चुके हैं। इस देश की रीढ़ की हड्डी, जिसे हम किसान कहते हैं, इन्हें भी बेचने की तैयारी में केंद्र सरकार थी। लेकिन किसानों ने हार नहीं मानी और इतना जबरदस्त आंदोलन किया कि आखिरकार सरकार को घुटने टेकने पड़े और तीनों काला कानूनों को वापस लेना पड़ा।

उन्होंने कहा कि हमारा राज्य देश का सबसे पिछड़ा राज्य है। यहां के लोग खेती-बाड़ी पर निर्भर रहते हैं। सरकार 24 घंटे राज्य की जनता की सेवा में लगी हुई है। हम लोगों ने पहले चरण में ₹50 हजार तक का ऋण माफ करने की योजना बनाई थी और किसानों को लाभ भी दिया था, लेकिन मौसम की मार किसानों को लगातार दो-तीन वर्ष से हो रही थी।

किसान अगर एक बार मौसम की मार खाता है तो उसे कमर सीधा करने में समय लगता है, इसलिए हम लोगों ने राज्य के लगभग 38 लाख पंजीकृत किसानों को दो लाख तक का ऋण माफ करने का निर्णय लिया। आज उसी के तहत करीब लगभग 400 करोड़ का ऋण माफ किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि बहुत जल्द चुनाव आने वाला है और भाजपा के षड्यंत्रकारी लोग फिर से गिद्ध की तरह मंडरा रहे हैं। यह ऐसे लोग हैं जो एक बार दिखेंगे, दोबारा नहीं। ऐसे लोगों से आपको होशियार रहने की जरूरत है। हम लोग हक-अधिकार मांगने का काम करते हैं तो यह लोग हमें जेल में डालने का काम करते हैं।

लेकिन हम लाठी-डंडा और गोली से डरने वाले नहीं हैं। हमने लड़ कर झारखण्ड लिया है, हम अधिकार भी लड़ कर लेंगे। आज हम किसानों को सम्मान दे रहे हैं। कहीं इस पर भी भाजपा फिर अड़ंगा न लगा दें। क्योंकि भाजपा के लोग आपके विकास में हर किये जा रहे काम में बाधा उत्पन्न करते हैं। लेकिन कोई बात नहीं हम लोग यह लड़ाई भी जीतेंगे।

हेमन्त सोरेन ने कहा कि क्यों हमारे किसान समृद्ध नहीं हो सकते? क्यों झारखण्ड – दूध उत्पादन, अंडा उत्पादन, मछली उत्पादन समेत सब्जी उत्पादन में आगे नहीं बढ़ सकता है? यहां की मिट्टी बहुत उपजाऊ है। बस हमें नीतियों पर काम करने की आवश्यकता है। हम लोगों ने राज्य को जो दिशा दिया है वह किसानों के लिए, गांव की अर्थव्यवस्था के लिए, किसानों के लिए मिल का पत्थर साबित होगा।

आपकी सरकार ने आपके चेहरे पर मुस्कान लाने का हर संभव प्रयास किया है। आज गांव-गांव सरकार जाती है और लोगों की समस्याओं का समाधान करती है। किसानों का ऋण माफी हो रहा है। बकाया बिजली बिल माफ किया जा रहा है। 200 यूनिट तक बिजली भी मुफ्त कर दी गई है। आप बेफिक्र रहिए। अपने बच्चों का लालन-पालन बेहतर ढंग से करें, सरकार आपके साथ है।