सुचित्रा हत्याकांड का मास्टरमाइन्ड शशिभूषण BJP में क्या शामिल हुआ, RSS के लोगों ने उसे गोद में बिठा लिया
चलो संघ की राजनीतिक इकाई हैं भाजपा, चलो ये भी मान लेते हैं कि राजनीति में आजकल गुंडों, बदमाशों, बलात्कारियों, हत्यारों की ही चलती हैं, पर संघ को क्या मजबूरी हो गई, कि उनके स्वयंसेवकों ने अपने कार्यक्रमों में जिस पर एक महिला की हत्या का आरोप हैं, उन्हें अपने कार्यक्रमों में बुलाना शुरु कर दिया।
और अगर कार्यक्रमों में बुलाना शुरु कर ही दिया तो क्या यह माना जाये कि संघ में अब महिलाओं के हत्या के आरोपियों को भी जगह दी जायेगी, उनसे सहयोग लिया जायेगा, उन्हें संघ के प्रमुख कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर दिया जायेगा और अगर शशिभूषण को जब स्वयंसेवक मान ही लिया गया तो ऐसे हालत में जब सामान्य या अन्य राजनीतिक दल संघ की भूमिका पर प्रश्नचिह्न लगाते हैं तो उसमें गलत क्या है?
संघ के लोगों को यह नहीं भूलना चाहिए कि आज ही नागपुर में उनके सरसंघचालक मोहन भागवत ने महिलाओं को लेकर क्या बयान दिये हैं और अगर उनके बयान को भी हवा में उड़ाने और ऐसे लोगों को महिमामंडित करने का प्रयास किया जायेगा तो राज्य के संघ के पदाधिकारी बताएं कि क्या वे सचमुच देश को परम वैभव तक ले जाने के लिए कटिबद्ध है? क्या ऐसे लोगों के द्वारा देश का उत्कर्ष होगा?
जरा देखिये, शशिभूषण का फेसबुक, वो कितने शान से चार फोटो देते हुए अपनी बातें लिखा हैं, वह बड़े गर्व से कहता है कि “पांकी विजयदशमी के अवसर पर शस्त्र पूजन, झंडा वंदन, प्रार्थना और पथ–संचलन में स्वयंसेवकों के साथ उपस्थित रहा। स्वयंसेवकों पर शहर में जगह–जगह लोगों ने पुष्प वर्षा भी की। इस अवसर पर देश की एकता व अखंडता बनाए रखने के लिए शस्त्र पूजा भी की गई।”
शशिभूषण के इस पोस्ट में जो फोटो दिये गये हैं, उस एक फोटो में एक स्वयंसेवक बड़े ही शान से, वह भी बिना हेलमेट के, अपने गाड़ी पर सुचित्रा हत्याकांड का मास्टरमाइन्ड शशिभूषण को अपने पीछे बिठाकर गर्व महसूस करता हुआ बाइक चला रहा है, जबकि दूसरे फोटो में शशिभूषण ध्वज प्रणाम की मुद्रा में संघ की शाखा में खड़ा हुआ हैं, जिसे संघ की भाषा में विजयादशमी उत्सव कहते हैं।
अब सवाल संघ के सरसंघचालक से, क्या अब एक महिला की हत्या का आरोपी भी संघ की शाखाओं की शोभा बढ़ायेगा? क्या संघ के यहां के पदाधिकारियों को शशिभूषण के बारे में नहीं पता, आखिर वे जानबूझकर किस लालच में आकर समाज के ताना–बाना को नष्ट करने पर तूले हैं? और जब संघ के लोग ही ऐसे लोगों को बढ़ावा देंगे तो फिर भारत और झारखण्ड का भविष्य कैसा होगा?
सुचित्रा मिश्रा हत्याकांड का प्रमुख आरोपी शशिभूषण मेहता द्वारा अब संघ के कार्यक्रमों में खूलेआम भाग लेना और संघ के स्वयंसेवकों–पदाधिकारियों द्वारा दिल खोलकर स्वागत करना, आनेवाले अंधकारमय भविष्य का घोतक हैं, संघ के स्वयंसेवक जितना जल्दी हो संभल जाये, नहीं तो आनेवाले समय में कोई भी सामान्य स्वयंसेवक अगर किसी अन्य के घर जायेगा तो लोग उसे दूसरी निगाहों से देखेंगे, अब ये संघ के उच्चाधिकारियों पर हैं कि वे अपने आरएसएस की झारखण्ड इकाई को कहां ले जाना चाहते हैं, फिलहाल तो अब आरएसएस के पहचान पर संकट मंडराने जा रहा है।