सुख क्या है? सुख कहां होता है? कोई कल PM मोदी की मां से पूछता तो वो उसका सही उत्तर बता देती
कल हमें दुनिया की सबसे सुंदर तस्वीर देखने को मिली, एक मां जो बहुत ही सामान्य ढंग से अपना जीवन व्यतीत करती हैं, वह अपने बेटे को दुबारा भारत का प्रधानमंत्री बनता हुआ देख रही थी, उसका बेटा प्रधानमंत्री पद का शपथ ले रहा था, इसके पहले वह अपने बेटे को तीन-तीन बार गुजरात का मुख्यमंत्री बनते हुए देख चुकी थी, सचमुच ऐसा सौभाग्य बहुत कम मां को मिलता हैं, निश्चित ही नरेन्द्र मोदी की मां का प्रारब्ध बहुत ही सुंदर हैं, जो ऐसा देखने में वो सफल हुई।
जब मैं फेसबुक देख रहा था, तो देखा अचानक एक फोटो बहुत तेजी से वायरल हुआ, फोटो था – अपने आवास के एक कमरे की दीवार पर टंगी टीवी स्क्रीन पर अपने बेटे नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का शपथ लेते हुए उस मां को देखना और करतल-ध्वनि करना। इसके पूर्व मैंने इन्हें 2014 में भगवान भास्कर को अर्घ्य देते हुए शुक्रिया अदा करते देखा था, कि उन्होंने उनके बेटे को वो ऊंचाइयां दी। मैं तो कहुंगा कि ऐसा सुख हर मां को प्राप्त हो, जो एक बेटे के द्वारा उन्हें प्राप्त हुआ, पर ऐसा नसीब सभी को प्राप्त होता हैं, या प्राप्त होगा, संभव नहीं।
सचमुच जिन्हें आध्यात्मिकता, आत्मीय संबंधों तथा प्रारब्ध व गीता के कर्मफल सिद्धांत पर विश्वास है, वे समझते है कि ये चीजें कैसे प्राप्त होती है? किसी को नरेन्द्र मोदी से घृणा हो सकती हैं, उनके व्यवहार तथा उनके राजनीतिक व्यवहारों से खिन्नता हो सकती है, पर उनकी मां का इस प्रकार टीवी स्क्रीन पर बेटे का शपथ ग्रहण समारोह देखना, निश्चय ही मन को आह्लादित कर दिया होगा। सचमुच भारत या दुनिया में जितनी भी मांए होंगी, वो इस मां को जरुर बधाई दी होंगी कि कितना सौभाग्यशाली है यह मां, जिसका बेटा तीन-तीन बार मुख्यमंत्री और दो-दो बार प्रधानमंत्री बना, और जिसने हारना नहीं सीखा, सदैव प्रगति-पथ पर चलता गया।
अंततः किसी भी व्यक्ति को आगे बढ़ने में तीन चीजें काफी महत्वपूर्ण स्थान रखती है, प्रारब्ध, प्रार्थना और प्रयास, और हमें लगता है कि वो तीन चीजों से ईश्वर ने नरेन्द्र मोदी की मां को खूब मालामाल कर दिया है, तभी तो वह, वो सुख प्राप्त कर रही हैं, जो अरबों की सम्पत्ति इकट्ठा कर लेनेवालों को भी नसीब नहीं होती, और अगर इस बात की जानकारी लेनी हो,तो किसी को उस वक्त उस मां से पूछना चाहिए था, जब उसका बेटा प्रधानमंत्री पद की शपथ ले रहा था, कि सुख क्या हैं और सुख कहां है, तो वह यह जरुर कहती है, यहीं सुख हैं, और सुख उसके पास ही बच्चों की तरह खेल रहा है। सचमुच नरेन्द्र मोदी की मां को हमारी ओर से दिल से बधाई। ईश्वर और उन्हें खुशियां प्रदान करें।