राजनीति

जब प्रवासी मजदूरों का 85% किराया केन्द्र दे रही, तो फिर केरल से धनबाद पहुंचे मजदूरों से 860 रुपये भाड़ा किसने वसूला?

झारखंड आंदोलनकारी प्रवीण प्रभाकर ने भाजपा से पूछा है कि जब प्रवासी मजदूरों का 85% किराया केंद्र दे रही है तो धनबाद पहुंचे प्रवासी मजदूरों से केरल में ₹860 भाड़ा किसने और क्यों वसूला? झारखंड सरकार को भी इस मामले की जांच करनी चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रवासी मजदूरों को किराया न देना पड़े। श्री प्रभाकर ने कहा कि भाजपा के बयान से यह भी स्पष्ट हो जाता है कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन राज्य सरकारों से अनुरोध के आधार पर ही चलाई जा रही हैं, जबकि पहले भाजपा कह रही थी कि ट्रेन चलाने में राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं है।

श्री प्रभाकर ने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री मिलकर कोरोना को परास्त करने तथा प्रवासियों को मदद पहुंचाने में लगे हैं, लेकिन भाजपा सिर्फ अपनी पीठ थपथपाने में व्यस्त है। भाजपा ने दावा किया है कि प्रवासियों का 85% रेल भाड़ा केंद्र दे रही है। जबकि सच्चाई है कि केरल में मजदूरों से भाड़े के रूप में ₹860 वसूला गया। मजदूरों का बयान भाजपा के दावे की धज्जी उड़ाता है।

उन्होंने कहा कि झारखंड में लॉक डाउन के तीसरे चरण में भी कोई छूट न देकर झारखंड सरकार ने सही कदम उठाया है, लेकिन हिंदपीढ़ी समेत कोरोनो प्रभावित क्षेत्रों में और ज्यादा कड़ाई की आवश्यकता दिखती है। उन्होंने कहा कि कोरोना महासंकट का यह समय श्रेय लेने की राजनीति करने का नहीं है, बल्कि दलगत सीमा से ऊपर उठकर कोरोना योद्धाओं, जनता तथा सरकार का मनोबल ऊंचा रखने में अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए सभी दलों तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं को आगे आना चाहिए।