जयराम सरकारी कर्मचारी को लताड़े तो टाइगर/क्रांतिवीर और विधानसभा के प्रांगण में जब इंफ्लूएंसर्स/यूट्यूबर्स पर दहाड़े, उनकी औकात बताए, अंगूली दिखाए तो तथाकथित पत्रकारों को मिर्ची क्यों लग रही हैं भाई?
सरकारी कर्मचारी को जयराम खुलेआम कहे कि ऐ नाजिर पटक कर मारेंगे, तो उस वक्त जयराम क्रांतिकारी हो गया और जैसे ही विधानसभा के प्रांगण में इन्फ्लूएंसरों, यूट्यूबर्स और तथाकथित पत्रकारों को उनकी औकात बताए, उन्हें अंगूली दिखाए, उन्हें जमकर लताड़ लगाए तो लीजिये, इन सबको मिर्ची लग गई। मिर्ची रांची प्रेस क्लब को भी लगी है। वे इस घटना की कड़ी निन्दा करने में भी जुट गये। इनकी इस कड़ी निन्दा को देखते हुए, वैसे लोग जो पत्रकारिता के नाम पर अपनी दुकानदारी चलाते हैं, वे क्रांति लाने की बात कह रहे हैं। हैं न आश्चर्य।
ये वही लोग हैं। जो बड़े ही गर्व से जयराम को टाइगर कहकर बुलाते थे। उसके लिए रील बनाते थे। उसकी सेवा में रातों-दिन जुटे रहते थे। वो कही खास दें तो उसकी न्यूज बन जाया करती थी। वो कही आकर खड़ा हो जाये। तो उसके आगे लोट-पोट हो जाया करते थे। दिन ही नहीं, रात में भी जयराम के सपनों में ये खोये रहते थे। अब जयराम इनकी भी औकात बताने लगा तो लीजिये, इस कथित क्रांतिवीर पर वे सारे इन्फ्लूएंसर्स, यूट्यूबर्स और तथाकथित पत्रकार एक होकर उसके खिलाफ जमकर कैपेंन चला रखी हैं।
भाई, तुमने ही भस्मासुर पैदा किया और अब वो भस्मासुर तुम्हारे ही मस्तक पर हाथ रखकर तुम्हें ही भस्म करने चला हैं तो भाग क्यों रहे हो? बिलबिला क्यों रहे हो? विधवा प्रलाप क्यों कर रहे हो? अपनी गर्मी क्यों दिखा रहे हो? सामना करो। दरअसल जयराम तुम जैसे इंफ्लूएंसरों, यूट्यूबर्सों व तथाकथित पत्रकारों का कुंडली देख रखा है। वो जानता है कि तुम कितने बेशर्म और कितने गिरे हुए हो। वो जानता है कि तुम पैसों के लिए कुछ भी कर सकते हो। किसी भी पार्टी के आगे जाकर तुम मुर्गा डांस कर सकते हो।
इसलिए वो तुम्हारी इज्जत क्यों करेगा? वो तुम्हारे कारण थोड़े ही जीता है। वो अपनी प्रतिभा, अपनी चतुराई, अपने टाइगर होने के दिखावे से जीता है। जिस जयराम की छवि को दिखा-दिखाकर तुमने अपने व्यूअरशिप बढ़ाई हैं। अपना सब्सक्राइबर्स बढ़ाई है। फौलोवर्स बढ़ाई हैं। यानी जिसके बलबूते पर तुमने अपने चैनल चमकाया, अब उसी को लगे धौंस दिखाने। भला वो क्यों बर्दाश्त करेगा। वो तो तुम्हें आंख जरुर दिखायेगा। अंगूली जरुर दिखायेगा। क्योंकि जयराम जानता है कि जो उसके सामने खड़ा हैं। उसमें कोई पत्रकार नहीं हैं। जो भी हैं, वो इंफ्लूएंसर्स हैं। इंफ्लूएंसर्स समझते हो न।
अब जरा रांची प्रेस क्लब को देखिये। जयराम ने इंफ्लूएंसर्स व यूट्यूबर्स को उनकी औकात बताई और ये उन्हें पत्रकार कहकर दिया व मशाल लेकर निकल पड़ें। क्रांति करने लगे। जरा देखिये। इन्होंने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा क्या है? “जयराम जी लोकतांत्रिक व्यवस्था का ये कैसा रुप दिखा रहे हैं आप। जो पत्रकार निष्ठा के साथ पत्रकारिता धर्म का निर्वहण करते हैं। उनके साथ आपका यह सलूक कतई वाजिब नहीं। मर्यादा में रहने से सम्मान बना रहता है। रांची प्रेस क्लब आपके इस दुर्व्यवहार के लिए कड़ी निन्दा करता है।”
तो भाई रांची प्रेस क्लब। करते रहो निन्दा। वो तो टाइगर हैं। नाम भी आप ही जैसे लोगों ने दिया है। तो टाइगर को खरगोशों, हिरणों, बकरों आदि छोटे-छोटे जानवरों से क्या लेना देना, ये तो उसके परमप्रिय आहार ही होते हैं। मैं तो कहूंगा कि जियो टाइगर। पहली बार किसी टाइगर ने, किसी विधायक ने विधानसभा के प्रांगण से ऐसी पाठ इन तथाकथित पत्रकारों को पढ़ाई कि ये सारे के सारे बिलबिला उठे और एक बात और जयराम, इनकी धौंस पर मत जाना, इंफ्लूएंसर्स की औकात ही क्या?
भारत की जनसंख्या एक अरब चालीस लाख हो चली है। यहां जिधर देखों, उधर इंफ्लूएंसर्स मिल जायेंगे। लेकिन पत्रकार नहीं। इसलिए इन सबसे घबराना नहीं। ये तो एक पेज ठीक से किसी विषय पर लिख नहीं सकते। ये तुम्हारा क्या बिगाड़ लेंगे। ये चंद पैसों के लिए आपके नाम पर अपना सोशल मीडिया प्रोफाइल रंग देंगे। इसलिए चिन्ता नहीं करना है।
पत्रकारिता का दंभ भरनेवालों रांची प्रेस क्लब के अधिकारियों, आपको उसी दिन इस पर अपनी बात रखनी थी। जिस दिन जयराम ने एक सरकारी कर्मचारी को धौंस दिखाई थी। लेकिन आप से जुड़े कई इंफ्लूएंसरों/यूट्यबर्स ने तो उस वीडियो को वायरल करने/कराने में ही ज्यादा दिमाग लगाई, क्योंकि उससे आपके व्यूअरशिप और सबस्क्राइबर्स और लाइकर्स बढ़ रहे थे तो विधानसभा के प्रांगण की खबरों से भी वहीं मजे लीजिये। ये छाती क्यों पीट रहे हैं? अरे टाइगर दहाड़ रहा है तो आप डर कर भाग क्यों रहे हैं, आपको मिर्ची क्यों लग रही है?