अपराध

आखिर कब थमेगा, धनबाद रेल मंडल में ट्रैक पर रेलकर्मियों के मरने का सिलसिला

आखिर ये धनबाद रेल मंडल में क्या हो रहा हैं? कौन इन इंजीनियरिंग सेक्शन में कार्यरत कर्मचारियों की हत्या करा रहा हैं?  क्या ये सामान्य सी दुर्घटना हैं?  इसकी जांच कौन करायेगा?  क्या इन सारी घटनाओं को सामान्य घटना बताकर, इसकी जांच बंद करा दी जायेगी?  सवाल गंभीर हैं? आश्चर्य इस बात की है, जो कर्मचारियों के लिए संघर्ष करने की बात करते हैं, ऐसे कर्मचारी संगठन इन मुद्दों पर चुप्पी साधे हुए हैं।

कल की ही घटना है, कटिहार के रहनेवाले कृष्णा यादव, जो इंजीनियरिंग सेक्शन में कार्यरत थे, बताया जाता है कि उनका लाश बरवाडीह और छिपादोहर के बीच मिला। लोगों का कहना है कि बरवाडीह और छिपादोहर के बीच ट्रेन की चपेट में आने के कारण उनकी मौत हो गई, पर कुछ लोग इस बात से इनकार करते हैं, वे इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच करने की मांग कर रहे हैं।

इसके एक दिन पूर्व इंजीनियरिंग सेक्शन के ही जगदीश दास की गझंडी स्टेशन के पास ट्रेन के चपेट में आने से मौत हो गई। जगदीश दास की पोस्टिंग गढ़वा टाउन में थी। वे पीडब्ल्यूआई/डब्ल्यूडीएम के अधीन कार्यरत थे और महाप्रबंधक के वार्षिक निरीक्षण के लिए गझंडी सेक्शन में काम कर रहे थे। जगदीश दास वंशीनाला पहाड़पुर के रहनेवाले थे।

सवाल उठता है कि इंजीनियरिंग सेक्शन में काम करनेवाले इन कर्मचारियों के मौत का सिलसिला कब थमेगा? कौन हैं इसका जिम्मेवार? आखिर धनबाद रेल मंडल में ऐसी घटनाएं क्यों हो रही हैं? इसका जवाब न तो धनबाद रेल मंडल दे पा रहा हैं और न कर्मचारियों के लिए संघर्ष करने की बात करनेवाले नेता।