जब अपने ही, सरकार की कार्यशैली पर अंगूली उठाने लगे, तो इसे समझने की कोशिश करिये हेमन्त जी
जब अपने ही, सरकार की कार्यशैली पर अंगूली उठाने लगे, तो इसे समझने की कोशिश करिये हेमन्त जी। इसका मतलब साफ है कि पार्टी में सब कुछ ठीकठाक नहीं चल रहा, जिसका प्रतिबिम्ब सदन में दिख रहा है। लोबिन हेम्ब्रम तो खुलकर बोल रहे हैं, लेकिन झामुमो में ऐसे कई नेता व विधायक हैं, जो अंदर ही अंदर सरकार की कार्यशैली से इतने नाराज है कि मौके की तलाश में है कि कब वे मुक्त होकर, पार्टी के खिलाफ आवाज बुलंद कर दें।
इसलिए मेरा सुझाव है कि लोबिन हेम्ब्रम की बातों पर आप ध्यान दें, उन्होंने जो बातें उठाई हैं, उन बातों पर गौर कर, समस्या सुलझाएं, नहीं तो आपको बहुत बड़ी दिक्कतें आने जा रही हैं और जो लोग या जिन्हें आप बहुत अच्छा समझ रहे हैं, वे वक्त पर काम नहीं आयेंगे। जो लोबिन हेम्ब्रम को नहीं जानते, वे जान लें कि, लोबिन हेम्ब्रम झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता है, कई बार विधायक रहे हैं, पर आजकल ये सरकार से थोड़ा बहुत नहीं, बल्कि पूरा नाराज चल रहे हैं, तथा सरकार तथा सरकार के अगल-बगल जो बैठे लोग हैं, उनकी बातों को हवा में उड़ा दे रहे हैं।
इन्हीं कारणों से, लोबिन हेम्ब्रम इतने दुखी है कि वे इसका इजहार कई बार विधानसभा में कर चुके हैं, पर सरकार की कानों में जूं तक नहीं रेंगी है। कल यानी सोमवार को उन्होंने फिर सदन में सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर दिया, वह भी यह कहकर कि उन्हें सरकार से उम्मीदें थी, पर अब कहां मुंह दिखायेंगे, उन्हें अपनी ही सरकार पर लज्जा व शर्म आती है।
वे कहते है कि अगर गोड्डा जिले में 26 आंगनवाड़ी सेविकाओं की बहाली नहीं हुई तो वे डुगडुगी बजाकर हिला देंगे। वे इसको लेकर सदन के बाहर धरने पर भी बैठ गये, बाद में जब मंत्री बादल पत्रलेख और विरंची नारायण उन्हें सदन में लाए, तब वे सदन में पुनः भड़क गये और सरकार की कार्यशैली पर गुस्से में आकर सवाल उठा दिया।