शंघाई टावर का ख्वाब देखनेवाले चाइनीज लाइट का विरोध कर, हमारी आंखों में धूल कब तक झोकते रहेंगे?
सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा चीन से बनवायेंगे, रांची में शंघाई टावर बनाने का जुनून पालेंगे व ढिंढोरा पीटेंगे, चीन जाकर वहां के उद्योगतियों को अपने राज्य में निवेश कराने के लिए नाक रगड़ेंगे और जैसे ही दिवाली आयेगा, यहीं नेता चाइनीज लाइट का विरोध करेंगे, भाषण देंगे और भाषण में कहेंगे कि, दिवाली में चाइनीज लाइट नहीं, मिट्टी के दीये जलायें। शायद भाजपा के नेता भारतीयों को बेवकूफ समझते हैं, तभी तो वे ऐसी-ऐसी हरकतें करते हैं, बयानबाजी करते हैं जिससे झारखण्ड का बच्चा-बच्चा हैरानी में पड़ जाता हैं कि इनकी कौन सी बातें सच्ची हैं और कौन सी बातें झूठी?
यहीं नहीं, इनके हास्यास्पद बयान जो प्रमुखता से विज्ञापन की लालच में छपा करते हैं, उन अखबारों में छपे बयानों की कटिंग को सीएम रघुवर दास बड़ी ही तन्मयता से अपने सोशल साइट, फेसबुक पर डालकर गौरवान्वित महसूस करते हैं, जैसा कि इस बार, हमेशा की तरह देखने को मिला, जिसमें कई नागरिक इनकी कड़ी आलोचना करने से भी नहीं चूके।
सबसे पहले मुख्यमंत्री रघुवर दास का बयान देखिये – ‘दीपावली पर्व का इंतजार कुम्हार भाई-बहन पूरे साल करते हैं। उनकी कला को सम्मान देना हमारा फर्ज है। आप सभी से अपील है कि दीपावली पर मिट्टी के दीये जरुर जलाएं, सदियों से चली आ रही परंपरा भी हमें यह संदेश देती है।’ अरे भाई, इसे बोलने की जरुरत ही क्या? आप करके दिखाइये न, क्या आप बता सकते है कि आपके आवास में या आपके कार्यालय में या हाल ही में मोमेंटम झारखण्ड के नाम पर आपने रांची की सड़कों पर हाथी उड़ाया, उस मोमेंटम झारखण्ड में कितनी बार आपने कुम्हारों को याद किया? मिट्टी के दिये जलाएं।
जब आप खुद ही ऐसा नहीं करते, तब आपको इस प्रकार की बयानबाजी करने से क्या मतलब? आखिर जनता को बेवकूफ समझने की जो आपलोगों की आदत बन गई हैं, उस आदत में कब सुधार आयेगा और आप सही मायनों में भारत की अर्थव्यवस्था और ग्रामोद्योग को सुदृढ़ करने में मुख्य भूमिका निभायेंगे? फिलहाल गंभीर सवाल तो यही हैं?
विश्वजीत नायक ठीक ही कहते है कि ‘तो फिर आप या आपके मंत्री कुछ दिन पहले चाइना घुमने क्यों गये थे? मोदी चाइना के राष्ट्रपति के साथ झूला झूल सकते हैं और हम चाइना सामान नहीं खरीदे, अगर आपको देशभक्ति दिखानी है, तो जितने भी प्रोडक्ट चाइनीज कंपनी के हैं भारत में, उन सब का लाइसेंस कैंसिल कीजिये।’ शम्सुद्दीन अंसारी ने ठीक ही लिखा कि चाइना को बड़े-बड़े कान्ट्रैक्ट देंगे, घुमने चाइना जायेंगे, और फोटो फेसबुक व टिवटर पर शेयर करेगें, और बाद में उसका विरोध भी करेंगे।
जब-जब दिवाली आती है, तब – तब इस प्रकार के बयान भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के मुखारविन्द से आते हैं, लेकिन ये नेता भूल जाते है कि अब भारत की जनता बहुत ही जागरुक हैं, वह अपने नेताओं के कथनी और करनी को खूब समझती है, वो यह भी जानती है कि आगामी 31 अक्टूबर को जब पूरा देश सरदार वल्लभ भाई पटेल की आदमकद प्रतिमा जो चीन के सौजन्य से बनी हैं, उसका उद्घाटन समारोह में झारखण्ड का एक प्रतिनिधिमंडल भी उसमें शरीक होने जायेगा, यानी एक ऐसा व्यक्ति जिसने आजादी की आंदोलन में भाग लिया, स्वदेशी अपनाया, और उसकी प्रतिमा चीन के सौजन्य से बनाई गयी है, इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है, इस देश का?