अपनी बात

दहेज जैसी बुराइयों से दूरी बनाये बिना शाकद्वीपीय समाज आगे नहीं बढ़ पायेगा – डा. श्रीदेव

भानु सप्तमी के सुअवसर पर रांची पधारे काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी डा. श्रीदेव मिश्र ने शाकद्वीपीय समाज को संबोधित करते हुए कहा कि जब तक शाकद्वीपीय समाज अपने अंदर छुपे बुराइयों, दहेज रुपी दानव को बाहर नहीं निकालेगा, उसे सदा के लिए शमन नहीं करेगा, यह समाज कभी आगे नहीं निकल पायेगा। वे आज रांची के रातू रोड स्थित देवी मंडप रोड, सरोवर नगर स्थित सूर्य मंदिर में सार्वभौम शाकद्वीपीय ब्राह्मण महासभा, झारखण्ड द्वारा आयोजित भानु सप्तमी समारोह में अपने भावों को अभिव्यक्त कर रहे थे।

उन्होंने कई दृष्टांत देते हुए कहा कि आज समाज में दहेज रुपी बुराई ने ऐसे हालात पैदा कर दिये हैं कि कई बच्चियों की शादी नहीं हो पा रही, और अगर हो भी रही हैं तो उन बच्चियों पर कब काल मंडराने लग रहा हैं, उन विवाहित युवतियों को पता ही नहीं होता, और इसी बीच दहेज लोलुप जानवरों द्वारा उनकी हत्या भी कर दी जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि आप अपने बेटियों को खूब पढ़ाइयें और उसे इस लायक बना दीजिये कि उसे किसी के कंधे की जरुरत नहीं पड़ें, वह खुद अपना बोझ उठा सके, वह अपनी जिंदगी खुद जी सकें। उन्होंने कहा कि हमें इसके लिए किसी से घृणा करने की जरुरत नहीं, बल्कि यह जो दुर्गुण हैं, उस पर विजय पाने की जरुरत है। उन्होंने सभी से प्रेम करने, किसी की शिकायत नहीं करने तथा किसी से ईर्ष्या न करने की सभी से अपील की।

सुर्यमुखी दिनेश आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के संस्थापक डा. हरिहर पांडेय ने इस अवसर पर कहा कि हमें एक बेहतर समाज बनाना है, और उन्हें खुशी है कि इसमें वे कामयाब रहे हैं तथा इसमें समाज के सभी लोगों का साथ मिल रहा है। उन्होंने सूर्य मंदिर में अगले वर्ष तक मां दुर्गा की प्रतिमा की स्थापना करने की भी घोषणा की, जिसके लिए उन्होंने एक लाख रुपये देने की बात कही। उन्होंने कहा कि उनके पास अपने समाज के काफी गरीब लोग आते हैं, और वे खुलकर उनकी मदद करते हैं, जिससे उन्हें खुशी प्राप्त होती है।

पलामू से पहुंचे डा. विजयानन्द सरस्वती, रांची के डा. अमिताभ कुमार पांडेय, डा. अर्चना पाठक,  प्रमोद कुमार मिश्र, नरोत्तम शास्त्री, राम शंकर मिश्र, भोला नाथ पाठक वसंत कुमार पाठक, संजय कुमार पाठक ने भी लोगों को संबोधित किया, जबकि कार्यक्रम का संचालन कृष्ण बिहारी मिश्र ने किया। कार्यक्रम को बेहतर बनाने में विभाकर मिश्र, उमाकांत मिश्र, दिग्विजय पाठक, मनोज कुमार पुट्टू, रविन्द्र कुमार मिश्र ‘रवि’ की प्रमुख भूमिका रही।