वाह री BJP, रांची के BIT मेसरा में बिटोत्सव हो तो ठीक और संत जेवियर में जेवियरोत्सव हो तो गलत
झारखण्ड केन्द्रीय विश्वविद्यालय 14 फरवरी को दो दिवसीय तकनीकी और सांस्कृतिक महोत्सव ‘नवाधार’ कार्यक्रम का आगाज करें, तो ठीक है। बीआइटी मेसरा में उसी दिन ‘बिटोत्सव’ का आगाज हो और उसमें जमकर धूम-धड़ाका हो, तो ठीक है। आर्यभट्ट सभागार में ‘भारत रंग महोत्सव’ के नाम पर नाटक का आयोजन हो, तो ठीक है, पर संत जेवियर में, पुलवामा की घटना के दो दिन बाद जेवियरोत्सव हो, तो वह गलत हैं, आखिर ये आपलोग इतनी घटिया सोच कहां से उठाकर ले आते हो भाई। …और कमाल की बात यह भी है कि यहां के रांची विश्वविद्यालय का कैसा कुलपति हैं, जो एक सत्तारुढ़ राजनीतिक दल के एक सामान्य प्रवक्ता के आगे मेमियाना शुरु कर देता हैं, और बच्चों की खुशियों पर पानी फेर कर रख देता है।
कमाल की बात है कि इसमें भी हिन्दू और मिशनरियां कहा से आ जाती है, कौन सा दिमाग लेकर आप हिन्दू और क्रिश्चियन करने लगते हो, आखिर अन्य दल इसके खिलाफ अपनी बातें क्यों नहीं रखते हैं, प्रतिकार क्यों नहीं करते, भाजपा के नेता घर-घर जाकर, इस शोक की वेला मे “मेरा परिवार भाजपा परिवार” के तहत चुनाव प्रचार अभियान शुरु करें, अपने घर में पार्टी का झंडा बांधे तो ठीक, इनके प्रधानमंत्री इस शोक वेला में बिहार, झारखण्ड तथा दक्षिण के कई प्रांतों में अपना चुनाव प्रचार अभियान जारी रखें तो ठीक, और कोई दूसरा इस शोक वेला में अपना प्रेस कांफ्रेस तक बंद कर दें, फिर भी वो गलत?
क्या सचमुच में झारखण्ड या देश की जनता मूर्ख है, उसे नहीं पता कि भाजपा के निम्न और उच्च कोटि के नेताओं के मन में कौन सी खिचड़ी पक रही हैं, आप हिन्दू और मुसलमानों में विभेद करो और खुद ही अपने परिवार के सदस्यों की शादी मुस्लिम परिवार से वह भी शोक वेला में धूमधाम से संपन्न करवाओं तो ठीक, और कोई सादगी से अपना सामान्य कार्यक्रम भी संपन्न कराना चाहे तो आप चल दिये लाव-लश्कर लेकर उसके रंग में भंग डालने।
भाजपा और भाजपा से जुड़े लोग, संभल जाये, जनता सब देख रही हैं आपकी भाजपा लीला, अगर उनका क्रोध भड़का तो फिर आप कही के नहीं रहेंगे, कभी इसी प्रकार की हरकत अन्य दल वाले किया करते थे, आज उनकी क्या हश्र हैं, जाकर रिम्स में देख आइये, कैसे 1990 के समय के हीरो के आज एक-एक दिन पहाड़ की तरह गुजर रहे हैं और 1990 में जिसकी उनके सामने बोलने की औकात नहीं थी, वो आदमी भी इनके सामने बोलकर निकल जा रहा हैं, ऐसे में आप की क्या स्थिति होगी, शायद आप समझ नहीं रहे।
2019 के खत्म होने में कोई ज्यादा समय नहीं है, बस दस महीने ही तो शेष बचे हैं, खुद को संभालना हैं तो संभालिये, नहीं तो जेवियरोत्सव पर रोक लगाकर जो आपने युवाओं के अरमानों का गला घोंटा हैं, आपको पता नहीं कि ये नये वोटर आपको सबक सिखाने के लिए कल बहुत ही बढ़िया ढंग से प्रण ले चुके हैं, ऐसे तो महागठबंधन ने आपको पहले ही कबाड़ा करने के लिए मन बना चुका है, और इधर युवाओं में पनपा आक्रोश कही आपकी पार्टी का कबाड़ा न कर दें।