वाह CM साहेब, जो देश के लिए मरे उसे सिर्फ 10 लाख, और जो देश को चोट पहुंचाए उसे 15 लाख
जिस इन्सान पर 128 अपराधिक मामले दर्ज थे, जिस पर पूर्व मंत्री के हत्या का आरोप था, जिस पर एक डीएसपी, एक इंस्पेक्टर और कई पुलिसवालों की हत्या का आरोप था, उस नक्सली कुन्दन पाहन को एक भव्य समारोह आयोजित कर, उसका अभिनन्दन करते हुए राज्य सरकार 15 लाख रुपये का चेक थमाती हैं और जो देश के लिए शहीद होता है, उस शहीद विजय सोरेंग के परिवार को देने के लिए अपने सीएम रघुवर दास के पास मात्र दस लाख रुपये हैं।
आश्चर्य हैं, पुलवामा में हुई इस क्रूर आतंकी घटना को लेकर पूरा देश शोकाकुल हैं। विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री अपने–अपने राज्यों के यहां से हुए शहीदों के लिए अपना खजाना खोल रखा हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शहीद के परिजनों को एक करोड़, उत्तरप्रदेश सरकार ने 25 लाख, उत्तराखण्ड सरकार ने 25 लाख रुपये देने की घोषणा की और झारखण्ड सरकार के पास शहीदों को देने के लिए मात्र दस लाख रुपये हैं।
धनबाद के सुप्रसिद्ध समाजसेवी विजय झा का कहना है कि अगर सरकार को इतनी ही आर्थिक तंगी है, तो सरकार आमजन से अपील भर कर दें, फिर देखिये सरकार को शर्मिंदगी भी नहीं झेलनी पड़ेगी, पर जो सरकार शहीदों के परिजनों के साथ कर रही हैं, वह दुर्भाग्यपूर्ण है।
सचमुच में आश्चर्य तो होता ही हैं, इस सीएम रघुवर दास और उनके साथ चलनेवाले कनफूंकवों की टीम के पास हाथी उड़ाने के लिए मोमेंटम झारखण्ड के नाम पर करोड़ों फूंकने के लिए पैसे हैं। विदेश दौरा में करोड़ों फूंकने के लिए पैसे हैं। मूर्तियां बनाने के लिए पैसे हैं। अपना चेहरा चमकाने के लिए होर्डिंग, बैनर, अखबारों, चैनल और एलइडी पर करोड़ों रुपये फूंकने लिए पैसे हैं, पर देश के लिए शहीद होनेवालों के परिवारों पर खर्च करने के लिए पैसों का अभाव हैं।
अब कोई ये बताएं कि क्या ये देश पर शहीद होनेवाले वीर जवानों का अपमान नहीं, हमारे विचार से तो झारखण्ड के युवाओं को राज्य सरकार पर दबाव बनाना चाहिए कि वो कम से कम शहीदों के परिजनो का सम्मान करना सीखें तथा कम से इतनी राशि तो जरुर उपलब्ध करायें, जिससे उनके परिवारवाले सम्मान पूर्वक जी सकें।
आश्चर्य हैं बेटे की शादी के लिए तीन–तीन स्थानों पर रिसेप्शन कराने का संकल्प लेनेवाले मुख्यमंत्री थोड़ा दिल बड़ा करें, रिस्पेशन में कमी लाएं, तीन जगहों की जगह एक ही जगह रिसेप्शन कराएं और दो जगहों की रिसेप्शन पर खर्च होनेवाले पैसे शहीदों के विधवाओं पर खर्च करवा दें, तब न समझे कि आपके दिल में देश के लिए मरनेवालों जवानों के प्रति जज्बा भरा पड़ा हैं, पर जो आपकी हरकत हैं, वो तो बता रहा हैं कि आपके पास हर बेकार कामों के लिए पैसे हैं, पर वीर शहीदों के परिवारों के लिए आपके पास हमेशा पैसों का अभाव ही रहा।
Kaise kam 5000000 lakh dena tha…aur ek gove job hoga…