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वरिष्ठ पत्रकार व लेखिका अन्नी अमृता की लिखी पुस्तक “ये क्या है?” का जमशेदपुर में लोकार्पण

लेखिका व पत्रकार अन्नी अमृता के अनुभवों और असल जीवन के कई महत्वपूर्ण कहानियों का मिश्रित संग्रह “ये क्या है?” का मंगलवार को जमशेदपुर के साकची स्थित होटल में औपचारिक लोकार्पण संपन्न हुआ। पुस्तक का लोकार्पण बतौर मुख्य अतिथि राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष कल्याणी शरण, राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित चिन्मया विद्यालय (टेल्को) की पूर्व प्राचार्या विपिन शर्मा, साहित्यकार डॉ. रागिनी भूषण, शिक्षाविद त्रिपुरा झा, डॉ. अनिता शर्मा, एमएनपीएस की प्रिंसिपल आशु तिवारी, डॉ. कल्याणी कबीर ने संयुक्त रूप से किया।

इससे पूर्व अतिथियों द्वारा सामूहिक दीप प्रज्वलन और माधवी उपाध्याय के सरस्वती वंदना गायन से कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ हुआ। उक्त पुस्तक में ग्यारह रोचक कहानियों का उल्लेख है जो सामाजिक आचरण को समेटे हुए है। वहीं घटनाक्रमों पर एक पत्रकार के पारखी नज़रिए से लिखी गई आत्म निवेदन की श्रृंखला भी कही जा सकती है। इस कहानी संग्रह में शहर के कुछ चर्चित क्राइम वारदातों का भी जिक्र है। किताब का प्रकाशन जमशेदपुर की शिक्षा भारती प्रकाशन ने किया है।

कार्यक्रम को संबोधित करने के क्रम में लेखिका पत्रकार अन्नी अमृता ने पुस्तक लेखन और इससे जुड़े अनुभवों को साझा किया। उन्होंने बताया कि कहानीकार बनने का कभी प्रयास नहीं किया, लेकिन बतौर पत्रकार काम करते करते इतना अनुभव हो गया कि खबरों को कुछ समय में ही लोगों तक परोसना भी दरअसल एक कहानी का कहना ही होता है।

बताया कि ख़ुद के जीवन के अनुभव, झंझावातों और आस-पास की जिंदगियों से प्रभावित होकर उन्होंने “ये क्या है?” कहानी संग्रह को लिखा। उन्होंने एक पत्रकार की कठिनाइयों और संघर्ष का ज़िक्र करते हुए कहा कि पुलिस की तरह ही एक पत्रकार भी हमेशा ड्यूटी पर रहता है। अन्नी अमृता ने अपनी पहली पुस्तक की प्रेरणा जीवन के कटु अनुभवों को बताया। वहीं इसे माँ नीलिमा कुमारी एवं पिता अजीत कुमार को समर्पित किया है।

इसके अलावे उन्होंने डॉ. रागिनी भूषण, डॉ. शुक्ला मोहंती सहित तमाम गुरुजनों, सहयोगियों और शुभचिंतकों को प्रेरित करने के लिए आभार जताया। उन्होंने बताया कि सुधी पाठक उक्त पुस्तक को ईमेल anni.amrita22@gmail.com के माध्यम से संपर्क कर मंगा सकतें है। बताया कि शीघ्र ही यह पुस्तक कई ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध हो जायेगी।

ये क्या है शीर्षक के संदर्भ में प्रकाश डालते हुए अन्नी अमृता ने बताया कि एक पत्रकार का जीवन ख़बर की कवरेज़, ब्रेकिंग और फ़िर फ़ॉलोअल करने की लगातार प्रक्रिया है। इस दौरान एक पत्रकार को विभिन्न चुनौतियों के मध्य भी हमेशा चौकस रहना होता है। अन्नी के अनुसार पुस्तक का शीर्षक दरअसल चयन करना काफ़ी कठिन हो रहा था। ग्यारह अलग अलग कहानियों को एक नाम देना अत्यंत कठिन हो रहा था।

ऐसे में उनकी बेटी (पुष्पम प्रिया) ने जिज्ञासावश पूछा कि मम्मी ये क्या है ? बस बेटी के इसी सवाल ने शीर्षक का चयन आसान कर दिया। इस कहानी संग्रह में मर्डर मिस्ट्री, सोशल मीडिया पर दोस्ती, सरकारी अस्पतालों की चिंताजनक स्थिति, राजनीतिक व्यंग्य एवं पत्रकार के अनुभव समाहित है। लेखिका अन्नी अमृता ने बताया कि लोकार्पण से पूर्व ही शहर के लोगों का प्यार मिल रहा है। अबतक 100 से अधिक प्रतियाँ ख़रीदी जा चुकी है। वहीं लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान भी मौजूद गणमान्य लोगों ने भी स्वेच्छा से पुस्तक खरीदा।

कार्यक्रम को इन्होंने किया संबोधित :- स्वागत संबोधन डॉ. त्रिपुरा झा ने किया। डॉ. कल्याणी कबीर ने पुस्तक के संदर्भ में संक्षिप्त परिचय दिया। बतौर मुख्य अतिथि श्रीमती कल्याणी शरण ने तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. रागिनी भूषण, पूर्व प्राचार्या विपिन शर्मा ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अनिता शर्मा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन अंकित आनंद ने किया।

इनकी रही उपस्थितिः पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम में सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स के सुरेश सोंथालिया एवं भरत वसानी, भारतीय बॉक्सिंग टीम की कोच तरुणा मिश्रा, समाजसेवी जवाहरलाल शर्मा एवं आनंदबाला शर्मा, अमिताभ (रियल क्राईम स्टोरी- ट्रॉली बैग में चयनिका और धर्म-के महत्वपूर्ण असली पात्र), अंतरराष्ट्रीय ह्यूमन राईट्स एसोसिएशन की उषा सिंह, समाजसेवी अपर्णा गुहा, प्रीति सिन्हा, नीरू सिंह, फातिमा शाहीन, ज्योति अधिकारी, परिवर्तन संस्था की रश्मि भारद्वाज, फ़्री लीगल ऐड कमिटी के प्रेम कुमार, कवि नवीन अग्रवाल, वरीय अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू, समाजसेवी अप्पु तिवारी, मिथिला सांस्कृतिक परिषद के बबलू झा एवं शिशिर मिश्रा, सुधि प्रिया सहित अन्य मौजूद थे।