रांची के आसपास इलाकों में करीब छह हजार परिवारों के बीच योगदा संन्यासियों ने जरुरतमंदों के बीच खाद्यान्न बांटे
लॉकडाउन में भी योगदा के संन्यासियों ने अपने कदम पीछे नहीं हटाये हैं। निरन्तर सेवा कार्य में लगे योगदा संन्यासियों ने आज रांची के करमटोली, सीरमटोली, हिंदपीढ़ी और चुटिया के विभिन्न इलाकों में जाकर करीब छह हजार जरुरतमंद परिवारों के बीच खाद्यान्न बांटे। यही नहीं इन संन्यासियों ने स्वच्छता किट भी बड़ी संख्या में उपलब्ध कराये।
ज्ञातव्य है कि कोविड 19 की भारत में शुरुआत और उससे उत्पन्न समस्याओं की जानकारी के बाद से ही योगदा सत्संग आश्रम सक्रिय हो उठा और अपनी ओर से महत्वपूर्ण जिम्मेवारी उठाई। जो लोग योगदा सत्संग आश्रम और उसके संन्यासियों के बारे में जानते हैं। वे मानते है कि जब भी भारत में विपत्तियां आई है, मानवता को नुकसान पहुंचा है। योगदा सत्संग आश्रम और उसके संन्यासियों ने मानवता की सेवा के लिए स्वयं को झोक दिया, तनिक देर नहीं की।
अब तक योगदा सत्संग आश्रम की ओर से करीब बीस हजार किलो चावल, दाल एवं अन्य सूखे खाद्यान्न के साथ-साथ करीब 18 हजार किलो सब्जियां, सरसो तेल, नमक व मसाले भी बड़े पैमाने पर वितरित किये गये हैं। संक्रमण से बचाव के लिए करीब 15 हजार मास्क और 20 हजार साबुन भी जरुरतमंदों के बीच बांटे गये। हम आपको बता दें कि ये सारे किट आश्रम परिसर में ही संन्यासियों और सेवकों द्वारा स्वच्छता मानकों को पालन करते हुए तैयार किये जाते रहे हैं।
लुप्तप्राय क्रियायोग से दुनिया भर को परिचित कराने वाले परमहंस श्री श्री योगानन्द द्वारा स्थापित इस आश्रम ने आपदा काल में पहले की ही भांति अपना सेवा कार्य चलाते हुए एक प्रचार वाहन का भी उपयोग किया ताकि जरूरतमंद परिवार सहायता के लिए संपर्क कायम कर सकें, दूसरे वे कोविड संक्रमण से स्वयं को मुक्त रखने के उपाय कर सकें। परमहंस योगानन्द ने पीड़ित और जरूरतमंद मानव की सेवा को आत्म साक्षात्कार का सर्वोत्तम साधन बताया था।
आश्रम द्वारा बताया गया है कि लॉकडाउन अवधि में पुलिसकर्मियों ने एक ओर सराहनीय ड्यूटी निभाई, दूसरी ओर वे अपनी व्यस्तता के बावजूद सहायता कार्य में संलग्न रहे। चुटिया थाने द्वारा बहुत साफ-सफाई के साथ भूखे लोगों को दिये जा रहे भोजन को देखकर आश्रम द्वारा उत्पादित सब्जियों की बड़ी खेपें उन्हें भेंट की गईं।
ऐसे ही आश्रम के साधकों-अनुयायियों ने रांची और हटिया रेलवे स्टेशन के निकट लगातार दो महीने तक हर दिन पचास भूखे लोगों को तैयार भोजन पैकेट उपलब्ध कराया। इस पूरे सेवा काल के दौरान आश्रम से जुड़े चिकित्सकों ने हर सेवा शिविर में लोगों से कोविड से बचाव के लिए मास्क का उपयोग, एक-दूसरे से शारीरिक दूरी बनाये रखने और साबुन आदि से कई बार हाथ धोने की जानकारी दी।