रांची के नौ गांवों के 1550 परिवारों के बीच योगदा संन्यासियों ने बांटी राहत सामग्री, कोरोना से लोगों को किया जागरुक, सरकार के “कोई भूखा न रहे” संकल्प को किया साकार
विश्वव्यापी अत्यंत घातक महामारी कोविड 19 के कारण भारत में चल रहे लॉकडाउन से उत्पन्न समस्याओं को देखते हुए दैनिक उपयोग की सामग्री से वंचित डेढ़ हजार से अधिक ग्रामीण परिवारों की जरूरतें पूरी करने की नीयत से रांची स्थित योगदा सत्संग आश्रम ने शनिवार को रांची से सटे नौ गांवों में शिविरों का आयोजन किया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, योगदा सत्संग आश्रम ने यह आयोजन जोमेटो फिडिंग इंडिया नामक एनजीओ की सहभागिता से इसे संपन्न किया।
आश्रम की ओर से नामकोम प्रखंड स्थित लीची बगान, हरिजन कालोनी और नीचे टोला में 350 परिवारों के बीच सहायता सामग्री के पैकेट बनाकर वितरण किया गया। इन ग्रामीणों के बीच कुल जमा 700 किलो आलू, 700 किलो प्याज, 175 लीटर सरसों तेल, 700 नहाने और कपड़े धोने के साबुन तथा 500 मास्क का वितरण किया गया।
सहायता शिविर में डॉ पवन वर्णवाल ने ग्रामीणों को कम से कम एक मीटर शारीरिक दूरी बनाकर रहने, हर घंटे साबुन से हाथ धोने, मास्क पहनकर चलने और अन्य सुरक्षात्मक उपाय अपनाने को कहा। सहायता शिविर में भी ग्रामीणों को चॉक का घेरा बनाकर एक-एक मीटर की दूरी पर खड़ा किया गया था और बताया गया कि घर से बाहर निकलने पर ऐसा ही करना आवश्यक है।
दूसरा किंतु बड़ा सहायता शिविर जोन्हा के निकट लगाया गया। इस शिविर में गुरीडीह पंचायत के छह गांवों के 1,200 ग्रामीण परिवारों को अपेक्षित सामग्री दी गई। उनके बीच नहाने के छह हजार और कपड़े धोने के भी छह हजार साबुन टिकिया तथा ढाई हजार मास्क का वितरण किया गया।
इस शिविर में योगदा सत्संग सोसाइटी के महासचिव स्वामी ईश्वरानन्द स्वयं उपस्थित थे। ज्ञातव्य है कि स्वामी ईश्वरानन्द स्वयं छाती रोग विशेषज्ञ हैं। उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि कोरोना वायरस से उत्पन्न जानलेवा कोविड 19 महामारी पूरी दुनिया में फैल गई है। यह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर दूसरे व्यक्ति को प्रभावित कर देती है।
इसका पता कुछ दिनों बाद ही चल पाता है। इसका अभी कोई समुचित निदान भी नहीं ढूंढा जा सका है। बचाव ही एकमात्र उपाय है। इसलिए मास्क पहनना अत्यंत आवश्यक है तथा संक्रमण से बचने के लिए समुचित तरीके से हर घंटे हाथ साबुन से धोने के अलावा हर व्यक्ति के बीच कम से कम एक मीटर की दूरी बनाकर रहना ही सरलतम उपाय है।
योगदा आश्रम ने तीन दिन पूर्व भी रांची में ऐसा ही सहायता शिविर चलाया था। आश्रम सूत्रों ने बताया कि जबतक ‘कोरोना बंदी’ उठा नहीं ली जाती, तबतक समय-समय पर ऐसे शिविर संचालित किये जाते रहेंगे। स्वामी ईश्वरानंद ने कहा कि योगदा सत्संग के संस्थापक श्री श्री परमहंस योगानंद जी ने मानवता की रक्षा का जो संदेश दिया था, उस पर आश्रम लगातार अमल कर रहा है।
ये शिविर भी उसी राह पर चलते रहने के संकल्प की एक कड़ी हैं। आश्रम सरकार के संकल्प ‘कोई भूखा न रहे’ के साथ है और अपनी ओर से जरूरतमंदों की हरसंभव सहायता को तत्पर है। स्वास्थ्य, भोजन आदि की जरूरतों में सहायता पहुंचाने को वह वचनबद्ध है। यदि कोई नागरिक इस सहायता अभियान में भागीदार बनना चाहता है तो वह एचटीटीपीएसः//वाईएसएसऑफइंडिया डॉट ओआरजी/डोनेट फॉर-कोविड-पीएचपी पर संपर्क कर सकता है।